शाकाहारी लोग मांसाहार के जगह पर मशरूम को वरीयता देते हैं
भारत की बात करें तो यहाँ बटन मशरूम को ज्यादा पसंद किया जाता है
बटन मशरूम की खेती के लिए कंपोस्ट खाद की आवश्यकता होती है
Button Mushroom Cultivation
लेखक: सागर तिवारी (Writer: Sagar Tiwari)
Published on 28 April 2021 (Last Update: 28 April 2021, 10:21 AM IST)
भारत देश में अधिकांश आबादी शाकाहारी है। ऐसे में शाकाहरी लोग मांसाहार के जगह पर मशरूम को वरीयता देते हैं और बहुतायत मात्रा में इसका प्रयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। वैसे तो मशरूम की कई प्रजातियां देश - विदेश में पायी जाती हैं, लेकिन भारत की बात करें तो यहाँ बटन मशरूम को ज्यादा पसंद किया जाता है। तो
आईये जानते हैं इसके उत्पादन, संरक्षण की पूरी जानकारी
भारत में मशरूम उत्पादन के दो समूह है–
जो इसके मौसम में ही खेती करते हैं।
जो पूरे साल मशरूम की खेती करते हैं।
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भारत में मशरूम की मौसमी खेती मुख्यतः उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों, उत्तर पश्चिमी पहाड़ियों, तमिलनाडु के पहाड़ी भागों में दो-तीन फसलों के लिए तथा उत्तर पश्चिमी समतलो में केवल जाड़े की फसल के रूप में की जाती है।
पूरे साल मशरूम उगाने वाले क्षेत्र
भारत में कुछ क्षेत्रों में पूरे साल मशरूम की खेती की जाती है। चंडीगढ़, देहरादून, गुरुग्राम, पूना, चेन्नई, गोवा, ऊटी के आसपास 200 से 5000 टन प्रतिवर्ष मशरूम उगाया जाता है।
व्यावसायिक रूप से तीन प्रकार से मशरूम उगाई जाती है
बटन मशरूम की खेती के लिए विशेष विधि से तैयार की गई कंपोस्ट खाद की आवश्यकता होती है। कंपोस्ट साधारण विधि अथवा निर्जलीकरण विधि से बनाया जाता है। कंपोस्ट तैयार होने के बाद लकड़ी की पट्टी या रैक में इसकी 6 से 8 इंच मोटी परत बिछा देते हैं, यदि 1 टन खुंबी की खेती पॉलिथीन की थैलियों में करनी हो तो कंपोस्ट खाद को बीजाई या स्पानिंग के बाद ही थैलों में भरा जाता है। थैलों में 2 मिलीमीटर व्यास के छेद थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कर देते हैं।
मशरूम उगाने का सही समय
भारत में बंटन मशरूम उगाने का ठीक समय अक्टूबर से मार्च तक के महीने होते हैं। इन 6 महीनों में दो फसलें उगाई जाती हैं। बंटन खुंबी की फसल के लिए आरंभ में 22 से 26 डिग्री सेंटीग्रेड ताप की आवश्यकता होती है।
22 से 26 डिग्री सेंटीग्रेड ताप पर कवक जाल बहुत तेजी से बढ़ते हैं। बाद में इसके लिए 14 से 18 डिग्री तक ही युक्त रहता है। कम तापमान पर बढ़वार बहुत धीमी हो जाती है। यदि तापमान 18 डिग्री से अधिक हो तो वह खुंबी के लिए हानिकारक सिद्ध होता है
बिजाई के पश्चात पेटी अथवा थैलियों को खुंबी कक्ष में रख दें तथा इन पर पुराने अखबार बिछाकर पानी से भिगो दें।
कमरे में पर्याप्त नमी के लिए कमरे के दीवानों को भीगा दें। कमरे का तापमान 22 से 26 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए तथा नमी 80 से 85 प्रतिशत के बीच होनी चाहिए। 15 से 20 दिनों में खुंबी का कवक जाल पूरी तरह से कम्पोस्ट में बदल जाता है। उस समय खुंबी को ताजा हवा नहीं चाहिए, अंत: कमरे को बंद करके ही रखते हैं।
मशरूम की खेती में सावधानी
मशरूम का उत्पादन अच्छी कम्पोस्ट खाद तथा अच्छे बीज पर निर्भर करता है। अत: कम्पोस्ट बनाते समय सावधानी बरतें। कुछ भूल चूक होने पर अथवा कीड़े या बीमारी होने पर खुंबी की फसल पूर्णतया या आंशिक रूप से खराब हो सकती है। ऐसे में मशरूम की खेती करते समय तापमान का विशेष ध्यान रखा जाता है।
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