विश्व के लिए कोरोना महामारी एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर तेजी से महानगरो से लेकर गांव-गांव व शहर दर शहर फैल चुकी है। भयावह तस्वीर बनती जा रही है। 2020 से समूचा विश्व
कोराना महामारी का दंश झेल रहा है। चीन के बुहान शहर से निकला यह अजगर आज तक लाखों लोगों को निगल चुका है। दुनिया में कोरोना घातक स्तर पर पंहुच चुका है। महामारी की से मरने वालों की तादाद बढती ही जा रही है। तमाम देश अपने-अपने स्तर पर महामारी को रोकने के प्रयास कर रहे है। यह महामारी महानगरों से लेकर गांव तक दस्तक दे रही है।
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https://play.google.com/store/apps/details?id=in.articlepediaदेश में हर रोज मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। एक साल से इस महामारी की दहशत से हर जनमानस खौफ के साए में जी रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग इसकी चपेट में आते जा रहे हैं और अकाल ही काल के गाल मे समाते जा रहे हैं। इलाज करने वाले डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी व अन्य स्टाफ भी संक्रमित होते जा रहे हैं। संक्रमण के
कारण डाक्टर भी मारे जा रहे हैं। कोरोना का प्रकोप घटने के बजाए बढता ही जा रहा है। जिंदगी पटरी पर लौट रही थी, मगर लापरवाही के कारण हालात खौफनाक होते जा रहे हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भयानक व डरावने हालात बन चुके हैं।
वैक्सीन लगाई जा रही है, पर संक्रमण का आंकड़ा निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। कोराना तबाही मचा रहा है और लापरवाही के कारण महामारी की विषवेल बढ़ती ही जा रही है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। लापरवाह हो चुके लोगों ने सामाजिक दूरी व मास्क छोड़ दिए हैं, खुलेआम घूम रहे हैं। ऐसे में कोरोना का साया कम
होता नजर नहीं आ रहा है। 2020 जैसे हालात बन चुके हैं, बल्कि उससे भी बुरा।
लापरवाहियां ही इसका मूल कारण बनता जा रहा है। पिछले साल भी अदृश्य महामारी कोरोना ने हजारों
लोंगों का जीवन लील लिया था। देश में एक दिन में कोरोना के आंकडों में अप्रत्याशित वृद्वि बहुत ही खौफनाक है।संक्रमितों का आंकड़ा डरावना होता जा रहा है। कोरोना के क्रूर पंजों की चपेट में लोग लगातार आते जा रहे
हैं। जनमानस भयभीत होता जा रहा है।
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देश में परिवार के परिवार संक्रमित होते जा रहे हैं। देश में कोरोना वायरस का संक्रमण का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मार्च 2020 से शुरु हुआ कोरोना तांडव कब रुकेगा यह एक यक्ष प्रश्न बन गया है। कोरोना एक खौफनाक महामारी है, जिससे सारा संसार त्रस्त हो चुका है। जनजीवन तहस-नहस हो चुका है। जिंदगी ठहर गई है, तो कोरोना ने सबको डरा दिया है। कोरोना का काम तमाम करना होगा।
सावधानी बरतनी होगी, अगर लापरवाही बरती तो लम्बे समय तक घरों में ही कैद होकर रह जाओगे। हर तरफ
कोरोना का कहर बरप रहा है और सड़कें सुनसान हैं। मातम से लोग बिलख रहे हैं। अपनों को खो चुके हैं।
जान है तो जहान है, इसलिए लोगों को चाहिए कि सर्तकता बरतें। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने संसार के हर देश को हिला कर रख दिया है। घरों में ही रहें और सुरक्षित रहें। भारत का कोई भी राज्य इस महामारी से अछूता नहीं रहा है। सर्तकता व संयम बरतना होगा, ताकि परिवार का हर सदस्य बचा रहे। कोराना से हर मानव को बचाव करना होगा।
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नियमों का सख्ती से पालन करना होगा, ताकि जीवन बच सके। कोरोना ने हर आदमी में दहशत फैला दी है। ऐसे में कोरोना को हराना होगा, कोरोना के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाना होगा, लोगों को जागरुक करना होगा।सरकारों व सामाजिक संगठनों व संस्थाओं को इसमें अपनी सहभागिता निभानी होगी। लोगों को भी इसमें भागीदारी
निभानी होगी।
एकजुटता से ही कोरोना पर प्रहार किया जा सकता है। वक्त अभी संभलने का है। कोरोना की दूसरी लहर 15 मई तक चरम सीमा पर पुहच सकती है। आक्सीजन की कमी के कारण लोग मारे जा रहे हैं। कोराना की गति को रोकना होगा।टीकाकरण में तेजी लाई जाए, शिविर लगाएं जाएं, पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य केन्द्रों में वैक्सीन लगाई जाए। समाज के सामूहिक प्रयासों से ही कोराना की इस जंग को जीता जा सकता है। सावधनी बरतें और अपना अनमोल जीवन बचाएं।
अगर अब भी मनमानी की तो बचना मुश्किल हो जाएगा। कोरोना के कालचक्र से बचना होगा। कोरोना काल में हर मानव को सावधान रहना होगा।
तभी कोरोना हारेगा और भारत जीतेगा।
लेखक: नरेन्द्र भारती (Writer Narender Bharti)
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