उत्तर प्रदेश के 'योगीराज से सीख' लेने की जरूरत है!

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उत्तर प्रदेश के 'योगीराज से सीख' लेने की जरूरत है!


Published on 14 March 2023 (Update: 14 March 2023, 18:02 IST)

हाल ही में पंजाब जैसे सीमावर्ती प्रांत में जो कुछ हुआ, उसे पूरे देश ने देखा, और पंजाब पुलिस के रवैए पर मन मसोसकर रह गया, कुढ़कर रह गया।

इस घटना से पूर्व भी पंजाब में संगठित अपराधियों ने जबरदस्त खून खराबा किया, किन्तु कानून के राज को सीधी चुनौती देने के मामले ने कुछ ज्यादा ही हद कर दी।

यूं पुरानी पीढ़ियों ने तो कुछ दशक पुराने पंजाब को अपनी खुली आँखों से देखा है, उसे सुलगते हुए, उसे जलते हुए,  और उसकी आग में देश को झुलसते भी देखा है। किंतु नई पीढ़ी के लिए, आधुनिक भारत के 2023 में, एक थाने पर हमला करके, इसमें बंद आरोपी के लिए कानून को धत्ता बनाते देखना, थोड़ा नया अनुभव रहा होगा!

समझना मुश्किल है कि आखिर पंजाब पुलिस और प्रशासन की ऐसी क्या विवशता रही होगी कि, चंद अराजक लोग समूचे प्रदेश सरकार पर भारी पड़ते दिखे। 

ऐसे में तो यही सलाह दी जा सकती है कि पंजाब पुलिस के साथ-साथ पंजाब सरकार को, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से 'संगठित अपराध नियंत्रण' पर एक 'क्रैश कोर्स' कर लेना चाहिए कि 'वास्तव में कानून व्यवस्था की धमक क्या और कैसी होनी चाहिए!'

जिस समय पंजाब में यह घटना हुई, तकरीबन उसी समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक कानूनी गवाह को गोलियों से कुछ अपराधियों ने छलनी कर दिया। 
ऐसे में ज़रा तुलना कीजिये!

एक तरफ पंजाब सरकार के मुखिया अराजक तत्वों पर सवालों से भागते नजर आए, उसे टालते नज़र आये, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया ने विधानसभा में दहाड़ कर बोला कि, 'अराजक - अपराधी तत्वों की सोच को मिट्टी में मिला दिया जाएगा'।

विधानसभा के बीच दिया गया, यह कोई मामूली स्टेटमेंट नहीं था, और ना ही कोई राजनीतिक जुमला ही था, बल्कि अगले ही दिन इसकी वास्तविकता भी नज़र आयी, जब माफियाओं के घरों और दूसरी संपत्तियों पर बुलडोजर चलने लगे, और उनकी हैसियत मिट्टी में मिलते पूरे देश ने देखा।

कहने वाले कुछ ना कुछ तो कहेंगे ही...

सवाल उठाने वाले कुछ ना कुछ सवाल तो उठाएंगे ही, लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य और एक लंबे समय तक बीमारू राज्य कहे जाने वाले प्रदेश का मुखिया अगर इस धमक के साथ प्रशासन चला रहा है, तो उसकी तारीफ कंठ खोलकर की जानी चाहिए।

ऐसे प्रशासन चलाने की केस स्टडी होनी चाहिए, कैंब्रिज वालों को उस सन्यासी को भी अपने यहां बुलाना चाहिए, और किस प्रकार से गौरव के साथ नीतियों को जमीन पर लागू किया जाता है, जन-जन को लाभ पहुंचाया जाता है, उनकी सुरक्षा के लिए बेखौफ होकर अपराधियों को मिट्टी में मिला दिया जाता है, इस बात को भी जानना चाहिए!

बहुत सारे किंतु- परंतु जैसी बातें हो सकती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के जमीनी हालात को देखा जाए, तो पंजाब के मुकाबले यह काफी जटिलता से भरा है। एक बड़ी आबादी, नेपाल जैसे देशों के साथ इसकी बड़ी सीमा लगती है, जहां खुलेआम तस्करी और अपराधियों का आवागमन कभी आम बात थी। बावजूद इसके प्रशासन की गांठ किस प्रकार से मजबूत रखी जाती है, यह बुलडोजर बाबा ने बखूबी दिखलाया और सिखलाया है।

सिर्फ पंजाब ही नहीं, बिहार जैसे राज्यों को भी इस बुलडोजर बाबा से सीख लेनी चाहिए, ताकि एक लंबे समय तक 'जंगलराज का तमगा' झेलने के बावजूद, आज भी बिहार में अपराधी बेखौफ हो चले हैं। 
बिहार के सीएम नीतीश कुमार वैसे तो मझे हुए नेता हैं, किंतु अपराधियों पर नकेल कसने की ट्रेनिंग वह भी योगी आदित्यनाथ से ले ही सकते हैं!

हालांकि योगी आदित्यनाथ उनसे राजनीति में जूनियर ही हैं, किंतु प्रशासन की बात आते ही, धमक की बात आते ही, वह कहीं ज्यादा आगे दिखते हैं।

और ऐसा नहीं है कि सिर्फ अपराधियों को मिट्टी में मिलाने की ही बात बुलडोजर बाबा करते हैं, बल्कि उनके एक कदम कभी मुंबई में बॉलीवुड के कलाकारों के साथ बैठक में होते हैं, ताकि उत्तर प्रदेश की फिल्म सिटी का ज़मीनी प्रभाव बन सके...
तो कभी वही 'योगी' जी तमाम इन्वेस्टर्स के साथ कदमताल करते दिखते हैं, ताकि यूपी में बड़ी इन्वेस्टमेंट आए। 

अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट ने रिकॉर्ड तोड़ इन्वेस्टमेंट हासिल की। 

ज़ाहिर तौर पर अब उत्तर प्रदेश की जबरदस्त ढंग से ब्रांडिंग हो रही है, और कई लोग तो इसे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के उस गुजरात से तुलना कर रहे हैं, जब वह गुजरात के चीफ मिनिस्टर हुआ करते थे।

पूरे देश को इस बदलते हुए उत्तर प्रदेश को देखना चाहिए, और एक सन्यासी किस प्रकार से राजधर्म का पालन करता है, इससे प्रेरित होना चाहिए।

अन्य चीजें बेशक कोई सीखे न सीखे, किन्तु 'संगठित अपराध - नियंत्रण' पर उत्तर प्रदेश के 'योगीराज से क्रैश कोर्स' का विशेष निवेदन आज ही कर लेना चाहिए!

आप क्या सोचते हैं, कमेंट बॉक्स में अपने विचारों से हमें अवगत कराएं।



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