PAITHANI SAREE(पैठणी साड़ी) - decoding-shark-tank-india-pitches

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PAITHANI SAREE(पैठणी साड़ी) - decoding-shark-tank-india-pitches

PAITHANI SAREE- decoding-shark-tank-india-pitches

Writer: Vindhyawasini Singh
Published on 19 Feb 2023 

Shark Tank India season 2 का यह दूसरा एपिसोड है और इस दूसरे एपिसोड का पहला पिच, जिसमें गेट खुलता है और एक जोड़ा अंदर आता है। इसमें एक महिला जो की ट्रेडिशनल लुक में नजर आती हैं, हालांकि महिला के चेहरे पर जो कॉन्फिडेंस नजर आ रहा है वह कुछ अलग ही कहानी कह रहा है। आते ही यह यह महिला एक कहानी सुनाने की अपील करती हैं और बताती हैं कि यह जो कहानी बताने जा रही है वह 2000 साल पुरानी है और यह कहानी है पैठणी विब (Paithani Weaves)की।

बता दे कि पैठणी विब 2000 साल पुराना कल्चर है जिसमें पारंपरिक तरीकों से साड़ियां बनाई जाती हैं। महिला बताती हैं कि जहां एक तरफ बनारसी विब, कांजीवरम विब ने बहुत सारी लोकप्रियता पाई वहीं दूसरी तरफ पैठणी विब को इतनी लोकप्रियता नहीं मिल पाई, जबकि वह दो हजार साल पहले से मौजूद है और जिसके साथ बहुत सारे इमोशनल और गौरवशाली इतिहास जुड़ा हुआ है। 

इसी के साथ ही है महिला अपना परिचय स्लोनी गंभीर और उनके साथ आये शख्स ने मनीष अत्री के रूप में अपना परिचय दिया और बताया कि उनका सपना है कि ऐसे ही हेरिटेज कल्चर को आगे लाना और जिसके लिए उन्होंने एक प्लेटफार्म बनाया है, 'वेरी मच इंडियन'(Very much indian)

इसके साथ ही स्लोनी ने बड़े ही आराम से शार्क्स को यह बताया की साड़ी का जो मार्केट है, वह 38 हजार करोड़ रुपए का है, और अभी भी यह Unorganised  मार्केट है। खास करके ऑनलाइन e-commerce में ऐसा कोई प्लेटफार्म नहीं है जो इस तरीके से हेरिटेज को प्रमोट कर रहा हो। 

वहीं स्लोनी ने इसी गैप को आईडेंटिफाई करके 'वेरी मच इंडियन' प्लेटफॉर्म के माध्यम से हैंडलूम से सीधे कारीगरों से साड़ी बनाकर कस्टमर तक पहुंचा रही हैं। 

सलोनी का कहना है कि वह ना सिर्फ पैठणी कल्चर को प्रमोट कर रही हैं बल्कि और भी बहुत सारे कल्चर जिसमें पाटेदारचु, खादी और बनारसी को भी वह प्रमोट कर रही हैं। 
इसके बाद स्लोनी बड़े गंभीरता से और कॉन्फिडेंस के साथ कहती हैं कि उनका विजन है कि वह 'वेरी मच इंडियन' प्लेटफार्म को एक ट्रस्टेड प्लेटफार्म बनाए जहां इन ट्रेडिशनल विब तक लोग आसानी से पहुंच सकेंगे। 

इसके बाद सीधे मुद्दे पर आते हुए स्लोनी ने अपने इस स्टार्टअप में इन्वेस्टमेंट के लिए 50 लाख रुपए मांगे जिसके बदले वह कंपनी का 3% इक्विटी देने का ऑफर किया। 

स्लोनी के ऑफर के बाद सार्क नमिता ने स्लोनी और उनके पति मनीष का शार्क टैंक इंडिया में स्वागत किया और बताया कि वह भी महाराष्ट्र से है और मराठी लैंग्वेज में नमिता ने स्लोनी की काफी तारीफ की कि वह बेहद खूबसूरत लग रही हैं। इसके बाद  उनसे यह सवाल पूछा कि आपने इसी वेंचर को क्यों चुना।

इसके बाद सलोनी ने बड़े ही शांत स्वर में नमिता को बताया कि वह महाराष्ट्र के येवला से बिलॉन्ग करती हैं और उनकी फैमिली भी वहीं पर रहती है इसके साथ ही स्लोनी ने यह भी बताया कि अभी भी वहां 4 से 5 हजार कारीगर इसी पैठनी वूवन के लिए काम करते हैं। स्लोनी ने यह भी बताया कि उनका बचपन वहीं बिता है और उन्हें इन सब चीजों से बहुत लगाव बचपन से ही था। 

इसके बाद स्लोनी ने बताया कि उन्होंने 12 साल एक कंपनी में जॉब करने के बाद यह डिसीजन लिया कि अब उन्हें वापस लौटना है और इस कल्चर को आगे बढ़ाना है। स्लोनी के इस जवाब के बाद सार्क अनुपम मित्तल ने उन्हें बीच में टोकते हुए पूछा कि आप इससे पहले किस कंपनी में काम करती थीं, जिसका जवाब सलोनी ने बताया कि MWH में काम करती थी जहां वह कम्युनिकेशन और मार्केटिंग के रोल में थीं।  

इसके बाद अनुपम मित्तल अगला सवाल करते हैं कि आप दोनों एक दूसरे को कैसे जानते हैं और एक दूसरे से कैसे मिले?
इस सवाल का जवाब मनीष ने दिया और बताया कि वह साल 2003 में एमबीए ib कोर्स के तहत मिले, और 2008 में हम दोनों ने शादी कर ली और हमारा एक बच्चा भी है। तभी पीयूष पूछते हैं कि कितने साल का बच्चा है,तो सलोनी जवाब देती हैं 13 साल का। 
स्लोनी का एनर्जी लेवल इतना ज्यादा है और अपने काम के प्रति समर्पण ऐसा है कि शार्क उनके बातों आराम से सुनते हैं। 
इसके बाद मनीष ने माहौल को थोड़ा हल्का करते हुए बताया कि इस वेंचर में उनका मेजर रोल मोरल सपोर्ट और फाइनेंशियल सपोर्ट का है, जिसके बाद सारे सा हंसने लग जाते हैं और शार्क अनुपम कहते हैं कि यह सबसे जरूरी पार्ट है। 

इसके बाद बात को आगे बढ़ाते हुए मनीष बताते हैं कि वह एक बैंकर है और अभी भी जॉब करते हैं, इसके बीच में हि शार्क अनुपम ने मनीष को टोकते हुए पूछा है कि क्या आगे आपको फुल टाइम इस बिजनेस में आना है?
हालांकि मनीष इसका जवाब देना चाहते थे लेकिन सलोनी स्लोनी ने उन्हें रोकते हुए कहा कि यह सवाल का जवाब वह देना चाहती हैं। स्लोनी ने बड़े ही कॉन्फिडेंस से यह बताया कि जिस दिन वह मनीष को सैलरी देने लायक हो जाएंगी उस दिन उन्हें बोलेंगी  कि अब आ जाओ और full-time इसमें काम करो। 
सभी शार्क स्लोनी के इस जवाब को एप्रिशिएट करते हैं।  
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इसके बाद शार्क पियूष बंसल ने सलोनी से पूछा कि पैठनी साड़ी की क्या खासियत होती है उसके बारे में वह डिटेल में बताएं।  सलोनी बताती हैं कि उनके साथ बहुत ही सीनियर बीवर हैं जो यह साड़ी बुनकर बताएंगे कि पैठनी साड़ी की क्या खासियत होती है और इसे कैसे तैयार किया जाता है। और स्टेज पर बुलाया जाता है 63 साल के सीनियर विवर विष्णु भालारे को। 

इसके बाद बैकग्राउंड में स्टोरी चलती है और बताया जाता है कि पैठनी साड़ी किस तरीके से बनती है और इसे बनाने में कितना समय लगता है विष्णु भालारे उन्हें धागे पर कार्य करके दिखाते हैं इसके साथ ही विष्णु बताते हैं कि या महाराष्ट्र में इसे देव वस्त्र के नाम से जाना जाता है और सभी शुभ कार्यों में इस वस्त्र का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद सलोनी बताती हैं कि उन्होंने यह प्लेटफार्म शुरू किया और वह विवर्स को उनके हक का पैसा दिलाना चाहती हैं और जितनी मेहनत लगती है उसी के हिसाब से उन्हें पैसा मिले इसका मेन उद्देश्य उनका है। 

स्लोनी अपने काम के बारे में बताती हैं कि उन्होंने इस बिजनेस की शुरुआत 25 कारीगरों के साथ की थी और आज उनके कम्युनिटी में 400 से ज्यादा कारीगर कार्य कर रहे हैं। इसके बाद कहानी वापस शार्क टैंक के मंच पर आ जाती है। 

पैठनी साड़ी बनाने में लगाने वाले मेहनत और समय के बारे में जानने के बाद शार्क विनीता के मुँह से बर्बर ही निकल पड़ता है, कि अगर उन्होंने ऐसी साड़ियों को खरीदने में अगर कभी बार्गेनिंग की होगी तो काफी शर्म की बात है 

वहीं इसके बाद शार्क पीयूष पूछते हैं कि एक साड़ी को बनाने में कितना समय लग जाता है जिसका जवाब देते हैं स्लोनी कि अभी वह इस समय 1 कस्टमर के लिए साड़ी बना रही हैं जिसकी कीमत 1 लाख 88 हजार है और इसको बनाने में ढाई महीने का समय लग जाता है। वही इसके बाद शार्क अमन पूछते हैं कि क्या यह साड़ियां पावरलूम में नहीं बन सकती हैं? जिसका जवाब सलोनी देती है कि पावर लूम में बनाने के बाद साड़ी में वह प्योरिटी और जो ओरिजिनल धागे लगते हैं उनका इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। पावरलूम में बनाने के लिए साड़ियों के धागों को मिक्स करना पड़ता है जिससे साड़ी ओरिजन नहीं रहती। 

अपने फिल्ड में पूर्ण अनुभवी की तरह स्लोनी बताती हैं कि बनारस में और अन्य जगहों पर पैठनी साड़ी पावर लूम में बनाई जा रही और डुप्लीकेट साड़ियों को बनाकर लगाकर मार्केट में बेचा जा रहा है। 
अब तक सभी शार्क को पैठनी कल्चर को लेकर उत्सुकता होने लगती है और टेक्नीकल पर विशेष नजर रखने वाले शार्क अमन गुप्ता पूछते हैं कि असली पैठनी और डुप्लीकेट पैठनी की पहचान कैसे की जाए?

 सलोनी उन्हें अपनी साड़ी दिखाते हुए बताती हैं कि डुप्लीकेट पैठनी साड़ी में उल्टी साइड से आपको धागे दिखाई देंगे, जबकि हैंडलूम में बने हुए साड़ी में दोनों ही तरफ से आपको डिजाइन दिखेगी, धागा नहीं दिखेगा। 

इसके बाद पियूष पूछते हैं कि कांजीवरम साड़ी और पैठणी साड़ी में बेसिक क्या डिफरेंस होता है, जिस पर सलोनी बताती हैं कि पैठनी साड़ी में पीकॉक के सहायता से डिजाइन बनाई जाती है, जबकि कांजीवरम बनाने का पैटर्न अलग होता है। 

इसके बीच में शार्क अनुपम बताते हैं कि बहुत साल पहले उनके पिताजी भी भिवंडी में हैंडलूम से टेक्सटाइल इंडस्ट्री की शुरुआत किए थे और तब वह बहुत छोटे थे और अपने पिता के साथ हैंडलूम में जाया करते थे और आज वह सारी यादें उनके जेहन में ताजा हो गई। 

इसके बाद सलोनी अपनी कहानी बताती है कि कैसे भारत पाकिस्तान के बंटवारे के बाद उनके दादाजी भारत आए और उन्होंने यह पैठणी साड़ी का कारोबार शुरू किया। 
आगे स्लोनी बताती हैं कि बिजनेस के शुरूआती दिनों में उन्होंने बहुत सारे एग्जीबिशन किए और यहां तक कि लोगों के घरों तक जा जाकर उन्होंने साड़ियां बेचीं, जिसके लिए कई बार लोगों ने उनका मजाक उड़ाया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज वह इस मुकाम पर खड़ी है। इतना ही नहीं उन्होंने अपना सारा पैसा इस व्यवसाय में डाल दिया और अभी तक अपना घर तक नहीं खरीदा। 


इसके बाद स्लोनी ने शार्क विनीता और नमिता को 1 - 1 पैठणी साड़ी ऑफर कि यहां तक कि उन्हें साड़ी भी पहनाई। 

इसके बाद शुरू हुई बिजनेस डील की बातें, जिसमें शार्क नमिता ने सलोनी को एक ऑफर दिया जहां वह 50 लाख इन्वेस्टमेंट के बदले स्लोनी की कंपनी में 10% इक्विटी की मांग की। 

इसके बाद शार्क अनुपम स्लोनी और मनीष की बधाई दिया पहला ऑफर के लिए और उनसे पूछा कि वह इस कंपनी में इन्वेस्टमेंट क्यों चाह रहे हैं ?
अनुपम के इस सवाल का जवाब मनीष देते हैं कि उन्हें स्टॉक की जरूरत है, क्योंकि उनके पास सेटअप है जिसमें वह महीने की 1000 साड़ी को बना सकते हैं, लेकिन उनके पास स्टॉक की शॉर्टेज हो जाती है।
इसके बाद एक दूरदर्शी की तरह स्लोनी यह कंफर्म करती हैं कि लोग इतनी महंगी साड़ी को किसी अनजान प्लेटफार्म के थ्रू खरीदना नहीं चाहते हैं,वही जब उनकी कंपनी के साथ शार्क्स का नाम जुड़ जाएगा तो लोगों का ट्रस्ट भी बढ़ेगा और बिजनेस भी बढ़ेगा। 

इसके बाद शार्क पियूष कहते हैं कि अगर नमिता ने ऑफर नहीं किया होता तो वह जरूर एक ऑफर देते, क्योंकि आप काफी अमेजिंग आंत्रप्रेन्योर है, चुकी वह इसमें कुछ ज्यादा हेल्प नहीं कर पाएंगे इसलिए वह इस डील से बाहर होना चाहते हैं। 

इसके बाद शार्क विनीता भी बताती हैं कि आपके बिजनेस को बढ़ाने के लिए जो भी रिक्वायरमेंट है उसके लिए नमिता काफी फिट हैं और उनका ऑफर भी अच्छा है, इसलिए वह भी बाहर होना चाहती हैं। 

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दोनों शार्क के बाहर हो जाने के बाद भी स्लोनी के चहरे पर कॉन्फिडेंस बना हुआ है और अगले ही पल शार्क अनुपम भी इस डील से यह कहते हुए बाहर हो जाते हैं कि उनकी इस बिजनेस के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी भी नहीं है, इतनी रुचि भी नहीं है और वह बहुत ज्यादा इसमें हेल्प नहीं कर पाएंगे, इसलिए वह इस से बाहर होना चाहेंगे। 
अब तक तीन शार्क बाहर हो गए हैं और बचे हैं अमन गुप्ता जो यह कहते हुए स्लोनी के चहरे पर स्माइल ला देते हैं कि अगर नमिता उनको अपने साथ ले लेती हैं तो वह इसमें इन्वेस्ट करना चाहेंगे। 

इसके बाद माहौल को हल्का बनाते हुए नमिता कहती हैं कि मुझे पिच करके सुनाओ फिर मैं इस डील तुम्हारे साथ करूंगी। जिसके बाद नमिता और अमन एक साथ ऑफर करते हैं जो नमिता का पहले वाला ऑफर था उसमें।

 हालाँकि नमिता और अमन के जॉइंट ऑफर को काउंटर करते हुए मनीष उनसे 25 हजार रुपए और मांगते हैं जो कुल 75 हजार हो जाते हैं 10% इक्विटी के बदले। 

लेकिन मनीष के ऑफर को नमिता स्वीकार नहीं करती हैं और कहती हैं कि यह  बिल्कुल फेयर ऑफर है और आपकी वैल्यूएशन भी बिल्कुल सही लगाई गई है। इतना ही नहीं आपके वेंचर में बहुत ज्यादा काम भी करना पड़ेगा, ऐसे में आपको यह ऑफर ले लेना चाहिए। 

इसके बाद स्लोनी एक सुलझे हुए आंत्रप्रेन्योर की तरह अपने पति से पूछती है कि आप क्या कहना चाहोगे और उनके पति ने शार्प तरीके से बिना समय गंवाएं एक बेहतरीन डील के लिए हां कर दिया। 

यह डील स्लोनी -मनीष और नमिता -अमन के बीच पक्की हो जाती है और इसी के साथ चारों मिलकर यह प्रॉमिस करते हैं कि पैठणी के इस हैरिटेज कल्चर को वह आगे तक ले जायेंगे। 

अपने प्रोडक्ट को लेकर डेडिकेशन और डीप नॉलेज के बदौलत स्लोनी कामयाब हो जाती हैं दो शार्क को अपने बिजनेस में इन्वेस्ट कराने में। 

Web Title: PAITHANI SAREE- decoding-shark-tank-india-pitches, by slony-baldev shark tank india season 2, episode 2
















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