मोबाइल फोन 'जरूरत', 'आदत' या फिर 'लत'!

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मोबाइल फोन 'जरूरत', 'आदत' या फिर 'लत'!

  • मोबाइल फोन के अनंत खुबियों के बावजूद इसका दूसरा हानिकारक पहलू भी हैं 
  • 90% मोबाइल यूजर यह मानने को तैयार नहीं हैं, कि उनको मोबाइल की लत है 
Mobile Addiction more Effective than  Drugs (Pic: sbtreatment)

लेखिका : पूनम सिंह(Punam Singh)
Published on 7 Oct 2021 (Update: 7 Oct 2021, 4:09 PM IST)

मोबाइल फोन (Smartphone Addiction)की गुलामी आपको जिंदा लाश बना रही है। फोन स्मार्ट हो गया और आप हो गए डल!आजकल तो ऐसा हो गया है कि स्मार्टफोन के बगैर जैसे जिंदगी चल ही नहीं सकती है। एक साथ एक घर में रहते हुए भी लोग अपने अपने फोन में लगे रहते हैं। और ऐसा भी नहीं कि कोई महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हों, बल्कि अनावश्यक वीडियो, और बेवजह की चैट (Mobile Chating) में अपना पूरा समय फोन को दे रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि स्मार्ट फोन लोगों को असामाजिक बना रहा है। लोग एक दूसरे से मिलने, हालचाल जानने की बजाय अपनी पूरी दुनिया अपने फोन तक सीमित कर रहे हैं। 

ऐसे में आज हम आपको 5 बेहद जरूरी कारण बताएँगे कि क्यों आपको अपने मोबाइल फोन से ब्रेक लेने की जरुरत है। 

मोबाइल फोन मनुष्यों की एक अद्भुत ख़ोज है इसमें कोई संदेह नहीं है। आपके हाथ में अगर स्मार्टफोन है तो लगता है पूरी दुनिया आपके मुठ्ठी में है। कामकाज, एजुकेशन या मनोरंजन कहां तक गिनती करें, ये समझ लें कि मोबाइल के बगैर जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकते हैं। स्मार्टफोन के उपयोग का अतिशयोक्ति ही कहेंगे कि पहले बच्चे मां बाप की उंगली पकड़ना सीखते थे, आजकल सबसे पहले मोबाइल पकड़ना सीखते हैं। 

इतना ही नहीं बुजुर्ग भी इससे अछूते नहीं है। मोबाइल फोन का इस्तेमाल हमारे जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है, सिर्फ एक टच से कोई भी काम बहुत ही आसानी से हो जाता है। मोबाइल फोन का गुणगान कहां तक करें? अगर आप एक मोबाइल यूजर हैं और इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो इसके महत्व को आप अच्छे से समझ रहे होंगे।" 

कहा गया है कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं और अति सर्वत्र वर्जित है। ऐसे में मोबाइल फोन के अनंत खुबियों के बावजूद इसका दूसरा हानिकारक पहलू भी है, जिस पर आज हम बात करेंगे। यह इतना महत्वपूर्ण है कि समय रहते अगर ध्यान नहीं दिए तो बहुत बड़ी त्रासदी बन सकता है। 




क्या मोबाइल फोन के बगैर जिंदगी संभव है

इसका उत्तर जानने से पहले कुछ उदाहरण देखते हैं।

1:- फोन की सबसे  प्रचलित उपयोगिता यह मानते हैं कि 1 सेकेंड के अंदर हम किसी से भी, कभी भी, जहां भी रहे बातचीत कर सकते हैं, उसकी जानकारी ले सकते हैं। सच भी है! अब आप सोचिए की बात करके जो जानकारी आप लेना चाहते हैं वह हर बार कितना जरूरी होता है?, क्या उसके बगैर काम नहीं चल सकता है?या यह हमारी आदत हो गई है बेवजह पूछताछ करने की?

2: ऐसे ही दूसरी उपयोगिता जैसे कि मनोरंजन हो गया एजुकेशन हो गया या कोई भी मोबाइल का उपयोग करते हैं , तो क्या उसके बगैर हमारा काम नहीं चल सकता?  फर्क यह है कि मोबाइल से कोई भी काम बहुत फास्ट होता है, और एक मोबाइल से हम बहुत सारे काम कर लेते हैं। यहां पर हमारा कोई भी काम फास्ट हो जा रहा है, तो हमारा समय बचना चाहिए। फिर सभी के पास तो बहुत समय होना चाहिए, लेकिन सब लोग आजकल यही बोलते हैं कि समय ही नहीं मिलता है क्यों?

क्योंकि हमको मोबाइल की लत लग गई है, हम मोबाइल के गुलाम हो गये हैं।  Mobile Addict  हो गए हैं। यहां पर यह समझना जरूरी है कि "स्मार्टफोन का उपयोग  गलत नहीं है" क्योंकि  इस वंडरफुल डिवाइस के बगैर जिंदगी आसान नहीं है। गलत है इसका जरूरत से ज्यादा उपयोग करना। मोबाइल फोन की जरूरत कब आदत बन जा रही है, और सभी लोग मोबाइल एडिक्ट होकर जिंदा लाश बनते जा रहे हैं इसको समझना जरुरी है। 

मोबाइल की लत हमको शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से और सामाजिक रुप से बीमार कर रहा है।मोबाइल का रेडिएशन हमारे नर्वस सिस्टम और दिमाग को कमजोर कर रहा है। इससे निकलने वाली लाइट हमारे आंखों को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है। मोबाइल फोन को गलत तरीके से और बहुत देर तक पकड़ने से हमारे pasture संबंधित बहुत सारे रोग हो रहे हैं जिसमें कि ऑपरेशन कराने तक की नौबत आ जाती है। Driving करते समय मोबाइल के इस्तेमाल से एक्सीडेंट अधिक हो रहे हैं और लोगों की जान तक जा रही है। 

इसके लत से हम रात को समय से सोते नहीं है और हमारा दिन का काम प्रभावित हो रहा है। मोबाइल पर उपलब्ध अत्यधिक सूचनाओं के कारण हम हर समय अधिक एक्साइटेड -उत्तेजित रहते हैं। मोबाइल फोन के काल्पनिक दुनिया को हम सच मानकर इतना व्यस्त हो गए हैं कि हमारे आसपास और हमारे परिवार में होने वाली चीजों को भी हम महसूस नहीं कर पा रहे हैं। हमारे ही उंगलियों के इशारे पर काम करने वाला यह फोन स्मार्ट होते जा रहा है और हमको शारीरिक, मानसिक ,सामाजिक सभी तरह से निष्क्रिय  कर रहा है, और हमको अपना गुलाम बना रहा है" 


आइए जानते हैं कि इसके अत्यधिक इस्तेमाल से कैसे बचा जाए?

1:-सबसे पहले अपने मन से यह स्वीकार करें कि आपको मोबाइल की लत है, क्योंकि 90% मोबाइल यूजर यह मानने को तैयार नहीं है कि उनको मोबाइल की लत है और मुझे इसको छुड़ाना है।               

2:-रात को सोने से 2 घंटा पहले मोबाइल को स्विच ऑफ कर दीजिए जिससे कि आप उठते ही दिन की शुरुआत मोबाइल से ना करें।    

3:-खाना बनाते और खाते समय मोबाइल पर व्यस्त ना रहें।  

4:-ड्राइविंग करते समय मोबाइल का इस्तेमाल करना तो कानूनन जुर्म है इससे बचें।

 5:-अपने से बड़ों से और छोटे बच्चों से बात करते समय मोबाइल पर व्यस्त नहीं रहें।

 6:- आप ने यह माना है कि मोबाइल की जरूरत से ज्यादा आपको आदत है और किसी भी लत को छुड़ाना इतना आसान नहीं है, इसलिए आप जो संकल्प लिए हैं उसको कड़ाई से पालन करें। इन छोटे-छोटे नियमों का पालन करना कोई मुश्किल काम नहीं है, और थोड़े ही दिनों में आप देखेंगे कि आपके अंदर कितने सारे अच्छे बदलाव आए हैं।

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(लेखिका पूनम सिंह)



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