- सरकार को चाहिए कि शहरों व गांवों व पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जाएं, ताकि घर में ही लोगों का टीकाकरण किया जा सके
- कोरोना के बढ़ते मामलों से बुजुर्ग डरे हुए हैं
- कोरोना हारेगा, देश जीतेगा.... यह सभी के सामूहिक प्रयासों से ही हो सकता है
लेखक: नरेन्द्र भारती (Writer Narender Bharti)
Published on 1 May 2021 (Last Update: 1 May 2021, 4:15 PM IST)
जान है तो जहान है। लापरवाहियां बरती जा रही हैं। कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है। गांव के गांव कोरोना महामारी के कारण संक्रमित होते जा रहे हैं। बिगड़ते हालातों को देखते हुए अब केन्द्र सरकार ने गांव में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए नई गाइडलाईन जारी कर दी है। गाइडलाइन के अनुसार आशा कार्यकर्ताओं को जुकाम-बुखार की माॅनिटरिंग और संक्रमित मामलों में कम्न्यूनिटी हेल्थ अफसर को फोन पर केस देखने के निर्देश दिए गए हैं। गांव में बढ़ रही मौतों को देखते हुए जनमानस भयभीत होता जा रहा है। सरकार को चाहिए कि शहरों व गांवों व पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जाएं, ताकि घर में ही लोगों का टीकाकरण किया जा सके।
फितरती व गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले इंसानों... अभी भी समय है, सुधर जाओ, नहीं तो कोरोना स्वर्ग सिधार देगा!
चारों तरफ कोरोना का कोहराम मचा हुआ है। अभी पता नहीं, यह कोरोना महामारी कब तक रुलाएगी। फिर भी विवाह - शादियां हो रही हैं। शादियों में खाने वाले तक संक्रमित होते जा रहे हैं। प्रशासन भी छापेमारी कर रहा है। नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों को सबक सिखाया जा रहा है। महामारी से निजात पा लो... फिर धूमधाम से शादियां रचाते रहना।
हर रोज मौतों का सिलसिला अनवरत जारी है। कोरोना महामारी पर लगाम लगाने के लिए कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है। केवल मात्र जरुरी सामान व दवाइयों की दुकानों को अनुमति दी गई है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक कोरोना वायरस को लेकर जो कोरोना कर्फ्यू व लाकडाउन किया गया है, इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। लापरवाह लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। आंकड़ों में बेतहाशा वृद्वि होती जा रही है। तमाम बंदिशों के बाद भी कोरोना के मामलों में रत्ती भर भी कमी नहीं आ रही है। अब गांव में संक्रमण के अधिकतर केस आ रहे हैं। समय रहते इस विस्फोटक हो रही स्थिति को रोकना होगा। अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है। महामारी के कारण काम-धंधे चौपट हो चुके हैं। गरीब आदमी रोजगार से महरुम हो चुका है। सरकारों को चाहिए कि गरीबों को राशन दिया जाए, ताकि इस विपदा में उनका चुल्हा जलता रहे। रोटी के लाले पड़ते जा रहे हैं।
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कोरोना के कारण मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। मंहगाई के कारण जीवन काटना कठिन होता जा रहा है। हर चीज मंहगी होती जा रही है। मनमाने रेट वसूले जा रहे हैं। कोरोना में दुकानदार जमकर फायदा उठा रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे लोगों को हिदायत दे कि प्रतिदिन रेट लिस्ट लगाएं।छापामारी की जाए, ताकि कोरोना काल में आम जनमानस को लूटने से बचाया जा सके। मनमानी करने वालों के लाइसेंस रद्द किए जाएँ। कोरोना के कारण कुछ दुकानदार लाभ उठा रहे हैं। यह बहुत ही गलत है कि लोग लालच में मनमाने दाम वसूल रहे हैं। कोरोना के डर के कारण चलने - फिरने में लाचार व काफी उम्र के बुजुर्ग व विकलांगों व अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को भी राहत मिल सकती है।
45 से ऊपर टीकाकरण के बाद अब 18 से 44 साल तक के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। अफवाहों से बचना चाहिए ,समय रहते टीका लगवाएं, तथा सुरक्षित रहें। अगर लोग सावधानी बरतेंगे तो कोरोना के संक्रमण से बच सकते हैं। लापरवाही करने वाले ही कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। कोरोना का साया तेजी से हर शहर व गांव में फैल चुका है। सरकारें कोरोना को रोकने के लिए कोरोना अस्पतालों का तेजी से निर्माण कर रही है, ताकि आने वाले दिनों में भयानक हो रही परिस्थितियों में हर संक्रमित का इलाज हो सके। कोरोना की दूसरी लहर से लगातार मौतें होती जा रही हैं। प्रतिदिन लाखों के हिसाब से संक्रमण के मामले सामने आने से जनमानस भयभीत होता जा रहा है। निश्चित तौर पर लापरवाहियां ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। मास्क नहीं पहने जा रहे हैं।
सावधनियां नहीं बरती जा रही हैं। मास्क न पहनने वालों को सबक सिखाया जाए तथा चालान किए जाएं, ताकि बढ़ते सक्रमण पर रोक लग सके। हर राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। परिवार के लोग बेमौत कोरोना के कारण मरते जा रहे हैं। एंम्बूलेंश की गाड़ियां कम पड़ रही हैं। नतीजतन आंकडों में वृद्वि होती जा रही है।
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यह बहुत ही विनाशकारी सिद्ध हो रही है। हर रोज मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक संक्रमित होते जा रहे हैं। परिवार के परिवार संक्रमण का शिकार हो रहे हैं । आंकड़ों में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई है। शहरों में भीड़ बढती जा रही है।
प्रवासी वापस लौट रहे हैं। लापरवाहियां सामने आ रही हैं। बढ़ती मौतों का आंकडा बहुत ही भयावह तस्वीर प्रस्तूत कर रहा है। गाँवों में भी अब खतरनाक दस्तक दे रहा है कोरोना। सतर्कता व संयम बरतना होगा, ताकि परिवार का हर सदस्य बचा रहे। कोरोना से हर मानव को बचाव करना होगा, नियमों का सख्ती से पालन करना होगा, ताकि जीवन बच सके।
कोरोना ने हर आदमी में दहशत फैला दी है। कोरोना काल में हर मानव को सावधान रहना होगा। कोरोना महामारी बुजुर्गों के लिए अभिशाप बन गई है। कोरोना के कारण बुजुर्गों की मौतें हो रही हैं। कोरोना काल में बुजुर्ग चारदीवारी में कैद हो गए हैं। लाईलाज बीमारियों व असाध्य रोगों से लोग ग्रस्त हो गए हैं। कोरोना ने मुसीबतें खड़ी कर दी हैं। बुजुर्ग आज चलने फिरने से लाचार हो गए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों से बुजुर्ग डरे हुए हैं। लोग इलाज से महरुम हो चुके हैं।
Corona expansion in villages |
घर की दहलीज पर ही लोग जिंदगी बिता रहे हैं। उम्र का तकाजा भी है कि कोरोना बुजुर्गों पर कहर ढा रहा है, वह कहीं नहीं जा सकते। ढलती सांझें नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। कमरों में बंद हो चुके हैं। अभी न जाने कब तक कोरोना वायरस का प्रकोप सहना पडे़गा। कोरोना महामारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि बहुत ही चिंतनीय है। अस्पतालों में भी डर सताने लगा, तो नवजात बच्चे भी कोरोना के शिकार होते जा रहे हैं। कोरोना का यह संकट एक विकट समस्या का रूप धारण करता जा रहा है। आँकड़ों की भयानक तस्वीरें बहुत ही घातक हैं।
कोरोना योद्धा अपना जीवन जोखिम में डालकर संक्रमितों को जीवनदान दे रहे हैं। देवदूत बनकर दिन-रात अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। तमाम राज्यों में कोरोना के मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कुछ समझदार व संवेदनशील लोग खुद ही एकांतवास में रह रहे हैं, मगर कुछ संक्रमण फैला रहे हैं, और कई परिवारों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। लापरवाह लोग नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। अगर नियमों का नियमित पालन किया जाएगा तो कोरोना से जल्द ही मुक्ति मिल सकती है। कोरोना ने हर मानव को हिला दिया है। सावधानी बरतनी होगी। अगर लापरवाही बरती, तो लम्बे समय तक घरों में ही कैद होकर रह जाओगे। हर तरफ कोरोना का कहर बरप रहा है, एक दहशत का माहौल बन गया है।
कोरोना का यह कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमाम सरकारों ने लाॅकडाउन बढ़ा दिया है। समय बहुत ही संभलकर चलने का है। कोरोना हारेगा, देश जीतेगा.... यह सभी के सामूहिक प्रयासों से ही हो सकता है। सर्तकता बरतनी होगी, लापरवाही बरतने वालों को हवालातों व थानों में डाला जाए जिनकी लापरवाही के कारण मामले रुकने के बजाए पीक पर जा रहे हैं। सावधानी बरतनी होगी, ताकि देश कोरोना मुक्त हो सके और अस्त-व्यस्त हुआ मानव जीवन पटरी पर आ सके। वक्त अभी भी संभलने का है। मानव को अनमोल जीवन बचाना होगा।
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