ड्रीम बजट से मतदाताओं को साधेंगे गहलोत - Article on Rajasthan Budget

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ड्रीम बजट से मतदाताओं को साधेंगे गहलोत - Article on Rajasthan Budget


ड्रीम बजट से मतदाताओं को साधेंगे गहलोत - Article on Rajasthan Budget

लेखक: रमेश सर्राफ धमोरा (Writer Ramesh Sarraf Dhamora)
Published on 14 February2023


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी साल में अपना ड्रीम बजट विधानसभा में पेश कर दिया है। गहलोत सरकार के इस कार्यकाल का यह अंतिम बजट है। इसी वर्ष के अंत में राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में बजट का लोक लुभावना होना स्वाभाविक ही है। अपने बजट में गहलोत ने बजट को लोक लुभावना बनाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। मतदाताओं को लुभाने के लिए गहलोत ने जहां बजट में राहतों का पिटारा खोला है वही आमजन के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा भी की है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पूरा प्रयास है कि राजस्थान में हर बार सरकार बदलने के मिथक को तोड़ा जाए। इसी को ध्यान में रखकर गहलोत ने प्रदेश के आम मतदाताओं को बजट के माध्यम से लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बजट आने से पहले ही मुख्यमंत्री गहलोत ने घोषणा की थी कि उनका इस बार के बजट का पूरा फोकस युवा व महिलाओं पर होगा। जो बजट में देखने को मिल रहा है। बजट में गहलोत ने समाज के किसी भी तबके को राहत देने से वंचित नहीं रखा है।

मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत तीसरी बार अपने 15 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। वहीं वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने दसवीं बार राजस्थान का बजट पेश किया है। इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगातार 3 घंटे 20 मिनट तक बजट भाषण देकर प्रदेश में सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। इस बजट में उन्होंने राजस्थान सरकार के सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने की घोषणा कर कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा दिया है।

पिछली बार के बजट में पुरानी पेंशन योजना की घोषणा की गई थी। मगर उसमें राज्य सरकार के विभिन्न बोर्डों, निगमों, आयोग, विश्वविधालयों सहित अन्य संस्थानों में कार्यरत करीबन एक लाख सरकारी कर्मचारी वंचित रह गए थे। उन सभी को भी इस बार पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने से राजस्थान सरकार के सभी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में आ गए हैं। कर्मचारियों की लंबे समय से यह मांग थी जिसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरा कर कर्मचारियों को पूरी तरह है अपने साथ जोड़ लिया है। जिसका लाभ उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में मिलते दिख रहा है।

दो साल पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लांच की थी। जिसमें प्रदेश के सभी लोगों को कैशलेस उपचार की सुविधा देने का प्रावधान किया गया था। गहलोत ने उसी योजना को इस बार बढ़ाकर प्रदेश के हर परिवार को 25 लाख रुपए तक निशुल्क उपचार देने की घोषणा की है। इस योजना में शामिल परिवार को दस लाख  रुपए तक का दुर्घटना बीमा का लाभ भी मिलेगा। यह पूरे देश में अपने आप में एक अनूठी योजना है। जिसमें प्रदेश के सभी बीपीएल, अन्नपूर्णा योजना, संविदा कर्मी, नरेगा मजदूर, लघु कृषक सहित काफी परिवार निशुल्क शामिल होते हैं। जबकि 850 रूपये का वार्षिक शुल्क देकर अन्य सभी वंचित परिवार भी इस योजना में शामिल हो सकते हैं। ऐसी योजना देश के अन्य किसी प्रांत में नहीं चल रही है। इस योजना में अब तक लाखों लोग निशुल्क उपचार करवा चुके है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान की सीमा में सरकारी रोडवेज की बसों में महिलाओं को किराये में 50 प्रतिशत छूट देने की भी घोषणा की है। प्रदेश में 8 हजार आंगनबाड़ी और 2000 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र खुलेंगे। कक्षा 1 से 8 तक के स्कूली बच्चों की तर्ज पर आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को भी दो सेट यूनिफार्म दिये जायेगें। पांच लाख नए परिवारों को महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाएगा। स्कूली बच्चों को अब मिड डे मील में हर दिन दूध मिलेगा।

संभाग मुख्यालयों पर 100 महिलाओं और जिला मुख्यालयों पर 50 महिलाओं के लिए इंदिरा गांधी वर्किंग वुमन हॉस्टल खोले जाएंगे। वहीं कामकाजी महिलाओं के लिए 500 प्रियदर्शिनी डे केयर सेंटर खोले जाएंगे। ग्रामीण इलाकों में भी महिलाओं के लिए इंदिरा गांधी महिला हॉस्टल खोले जाएंगे। प्रदेश में 18 गर्ल्स कॉलेज खुलेगें। जनजाति क्षेत्रों में 250 मां-बाड़ी सेंटर खोले जाएंगे।


प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन को भी बढ़ाकर एक हजार रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। राजस्थान की गहलोत सरकार प्रदेश के सीनियर सिटीजन को अयोध्या स्थित रामलाल मंदिर समेत पांच  नए तीर्थ स्थल के दर्शन करवाएगी। ये दर्शन वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत करवाये जाएगें। इस योजना के तहत वर्तमान में देश-विदेश के 14 तीर्थ स्थलों पर दर्शन करवाए जा रहे है जिसे बढ़ाकर अब 20 से ज्यादा किया जा रहा है।

घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को अब 50 के बजाय 100 यूनिट प्रतिमाह निशुल्क बिजली दी जाएगी। इससे अधिक विद्युत उपयोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को टैरिफ के अनुसार पूर्ववत छूट जारी रहेगी। वही किसानों को अपने खेतों में बने ट्यूबवेल पर प्रतिमाह 2000 यूनिट तक बिजली निशुल्क दी जाएगी। उज्जवला योजना में शामिल राजस्थान के 76 लाख परिवारों को 500 रूपये की दर से एक साल में 12 घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाए जाएंगे।

राजस्थान सरकार के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार यूथ को भी बहुत कुछ दिया है। सबसे बड़ी राहत कॉम्पिटिशन एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स को मिली है। सभी भर्ती परीक्षाओं को मुफ्त करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस फैसले से 50 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स को फायदा होगा। साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए डिजिटल लाइब्रेरी और आवासीय हॉस्टल भी बनेंगे। सबसे बड़ी घोषणा पहली से 12वीं तक के स्टूडेंट के लिए है। इन्हें फ्री में पढ़ाया जाएगा।

सभी जिलों में ऑनलाइन सुविधा युक्त एग्जामिनेशन सेंटर बनाए जाएंगे। प्रतियोगी परीक्षा में अब बायोमेट्रिक तकनीक से अटेंडेंस होगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए जिला मुख्यालय पर स्टडी सेंटर के साथ आवासीय हॉस्टल बनेंगे। इसमें 100 युवा एक साथ ठहर सकेंगे। राजस्थान में ब्लॉक मुख्यालयों पर सावित्री बाई वाचनालय और डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी। सरकारी स्कूलों में ट्रांसपोर्ट वाउचर स्कीम शुरू की जाएगी। इसके तहत बच्चे घर से स्कूल और स्कूल से घर तक 75 किलोमीटर तक रोड़वेज बसों में फ्री सफर कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पेश किए गए बजट में निजी वाहनों को टोल मुक्त करने की मांग पूरी नहीं की गई है। लोगों को आशा है बजट पास करते वक्त उस पर भी मुख्यमंत्री कार्यवाही करेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों पूरे कॉन्फिडेंट नजर आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा है कि वह कभी भी राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे। जो इस बात की ओर इशारा है कि जब भी कांग्रेस की सरकार सरकार बनेगी प्रदेश में वही मुख्यमंत्री होंगे। गहलोत को पूरा भरोसा है कि उनके द्वारा पेश किए गए बजट से खुश होकर प्रदेश की जनता अगली बार फिर कांग्रेस की सरकार बनाएगी। अब देखना यह है कि गहलोत की सोच कितनी साकार होती है। प्रदेश की जनता अगली बार फिर कांग्रेस की सरकार बनाती है या कांग्रेस को हराती है। इस बात का पता तो चुनाव के नतीजों के बाद ही चलेगा। बहरहाल मुख्यमंत्री गहलोत बेफिक्र होकर धड़ल्ले से अपनी सियासी पारी खेल रहे हैं।





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