राजस्थान में सचिन पायलट की लगातार अनदेखी की जा रही है। कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को बार-बार आश्वासन दे रहा है कि उन्हें उचित मान सम्मान मिलेगा। प्रदेश की राजनीति में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मगर कांग्रेस आलाकमान द्वारा पायलट को ताकतवर बनाने की दिशा में अभी तक कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हो पाई है। इससे सचिन पायलट का भी धीरज जवाब देने लगा है। इसीलिए वह एक बार फिर मुखर होकर बयान देने लगे हैं।
कुछ दिनों पूर्व सचिन पायलट भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पंजाब में राहुल गांधी से मिलकर राजनीतिक चर्चा की थी। उसके बाद लौटकर उन्होंने राजस्थान में जाट बहुल नागौर, हनुमानगढ़, झुंझुनू, पाली व जयपुर में बड़ी-बड़ी जनसभाएं कर अप्रत्यक्ष रूप से गहलोत सरकार पर निशाना साध रहें हैं। पायलट की मीटिंगो में हजारों की संख्या में लोग शामिल हो रहें हैं। हर जगह पायलट ने बेरोजगारों, युवाओं, किसानों, दलितों व पीड़ितों के पक्ष में बातें रखकर गहलोत सरकार को घेरने का काम किया है। सचिन पायलट की जनसभाओं में उमड़ रही भीड़ को देखकर गहलोत के हाथ पांव फूल गए। उन्होने अपने मंत्रियों को तुरंत प्रदेश के दौरे पर रवाना कर जन समस्याओं को सुलझाने के निर्देश दिए हैं।
पायलट को यह बात अच्छी तरह समझ में आ चुकी है कि गहलोत के सामने कांग्रेस आलाकमान बेबस हो रहा है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी चाहे पायलट के धैर्य की कितनी भी तारीफ करें। गहलोत के मुख्यमंत्री रहते उनको कुछ भी मिलने वाला नहीं है। पायलट जान चुके हैं कि फिलहाल गांधी परिवार उन्हें सिर्फ दिलासा के अलावा और कुछ नहीं दे सकता हैं। मुख्यमंत्री गहलोत पायलट को बार-बार कांग्रेस से बगावत करने वाले नेता के तौर पर कठघरे में खड़ा करते रहते हैं। मगर गहलोत द्वारा स्वयं ही पार्टी आलाकमान के निर्देशों को नहीं मानकर खुलेआम बगावत करने की घटना को गहलोत मात्र एक छोटी सी भूल बताकर उस पर कोई चर्चा नहीं करना चाहते हैं।
Rajasthan Politics - Sachin Pilot & Ashok Gehlot |
गहलोत समर्थक विधायकों द्वारा 25 सितंबर 2022 को जयपुर में कांग्रेस पर्यवेक्षक मलिकार्जुन खरगे व अजय माकन की उपस्थिति में कांग्रेस विधायक दल के समानांतर कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के घर पर अलग से विधायकों की मीटिंग आयोजित कर विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपने की घटना को गहलोत सिर्फ माफी मांग कर समाप्त कर देना चाहते हैं। उस घटना के बाद गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांग कर अपने को पाक साफ कर लिया था। जबकि सचिन पायलट को गहलोत अभी तक भी गुनाहगार मानते आ रहे हैं।
सचिन पायलट को कांग्रेस आलाकमान से इस बात को लेकर भी गहरी नाराजगी है कि कांग्रेस पर्यवेक्षकों के सामने समानांतर मीटिंग बुलाने के दोषी कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल, सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी व पर्यटन निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को कांग्रेस अनुशासन समिति द्वारा कारण बताओ नोटिस दिए हुए करीबन साढ़े तीन माह बीत जाने के बाद भी अभी तक उनके खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई है। इतना ही नहीं उस घटना के दोषी तीनों ही नेता पार्टी के हर कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। पायलट कई बार कारण बताओ नोटिस देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर चुके हैं। उसके उपरांत भी अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
इससे पायलट को लगता है कि मुख्यमंत्री गहलोत के दबाव में कांग्रेस आलाकमान इन तीनों नेताओं के खिलाफ किसी भी तरह की कार्यवाही को टाल रहा है। जबकि सचिन पायलट ने जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कार्यशैली के खिलाफ बगावत की थी तब उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री के पद से तथा उनके समर्थक तीन मंत्रियों महाराजा विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, मुरारी लाल मीणा को तत्काल पद से बर्खास्त कर दिया गया था। पायलट की नजरों में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।
पायलट समर्थक सैनिक कल्याण राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का कहना है कि 2013 में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा गया था। जिसमें कांग्रेस 200 में से महज 21 सीटों पर ही चुनाव जीत सकी थी। जबकि 2018 में सचिन पायलट कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे। तब कांग्रेस ने वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री रहते 100 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। ऐसे में उस वक्त 200 में से 21 सीट जीतने वाले को तो मुख्यमंत्री बना दिया गया था। जबकि 200 में से 100 सीट जीतने वाले को उप मुख्यमंत्री ही बनाया गया था। पायलट के साथ उस समय किया गया भेदभाव अभी तक जारी है। अब तो पायलट समर्थक भी मानने लगे हैं कि मुख्यमंत्री गहलोत ही अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करेगें। ऐसे में पायलट के मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें राजनीतिक रूप से कोई भी लाभ मिलने वाला नहीं है। इसीलिए सचिन पायलट ने अपनी रणनीति बदल ली है।
हालांकि सचिन पायलट के पास सत्ता नहीं रहने के कारण विधायकों की संख्या कम है। विधायकों के संख्या बल पर ही मुख्यमंत्री गहलोत आलाकमान से अपनी हर बात मनवा लेते हैं। ऐसे में सचिन पायलट का पूरा फोकस युवा वर्ग पर हो गया है। सचिन पायलट गहलोत शासन में सरकारी परीक्षाओं के लगातार पेपर आउट होने पर खुलकर विरोध जता रहे हैं। पायलट ने तो यहां तक कह दिया की पेपर नकल करवाने वाले गिरोह के सरगनाओं को नहीं पकड़ा जा रहा है।
राजस्थान में पिछले 4 साल में 14 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। ऐसे में सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी करने वाले नौजवानों के साथ बड़ा धोखा हो रहा है। पायलट का मानना है कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि पेपर तिजोरी में बंद रहते हैं तो फिर बंद तिजोरी से पेपर कौन से जादू के बल पर आउट हो रहे हैं। सचिन पायलट द्वारा यह एक तरह से सीधा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा जा रहा है।
पायलट के बयानों को युवाओं में भारी समर्थन मिल रहा है। इसी के चलते पायलट जहां भी जाते हैं बड़ी संख्या में नौजवान उनका समर्थन करने पहुंच रहे हैं। हाल ही में पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बहाने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोला है। पायलट ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में हमने प्रदेश की जनता से वायदा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर वसुंधरा राज्य के मुख्यमंत्री कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच करवाई जाएगी। मगर चार साल बीत जाने के बाद भी वसुंधरा राजे के खिलाफ आज तक किसी भी तरह की कोई जांच नहीं की गई है। वसुंधरा राज के जिन घोटालों पर हमने आरोप लगाए जिनके सबूत हैं। मगर उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। जबकि केंद्र सरकार गांधी परिवार को बेवजह परेशान कर रही है और राजस्थान में हमारी सरकार बीजेपी राज के घोटालों पर कार्रवाई नहीं करती? यह मिल बांटकर सत्ता सुख भोगने की राजनीति का हिस्सा नहीं तो और क्या है? इन परिस्थियों में कांग्रेस आलाकमान को तेजी से निर्णय लेना होगा। यदि समय रहते पायलट व उनके समर्थकों को राजस्थान की राजनीति में पर्याप्त महत्व नहीं मिलता है तो अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस फिर से सत्ता में बने रहने का ख्वाब पूरा नहीं कर पाएगी।
👉 Be a Journalist - Be an experienced Writer. Now! click to know more...
How to be a writer, Know all details here |
👉 सफल पत्रकार एवं अनुभवी लेखक बनने से जुड़ी जानकारी लेने के लिए इस पृष्ठ पर जायें.
Liked this?
We also provide the following services:
Are you a writer? Join Article Pedia Network...
Article Pedia Community के Whatsapp Group से यहाँ क्लिक करके जुड़ें, और ऐसे लेखों की Notification पाएं.
👉Startup, टेक्नोलॉजी, Business, इतिहास, Mythology, कानून, Parenting, सिक्यूरिटी, लाइफ हैक सहित भिन्न विषयों पर... English, हिंदी, தமிழ் (Tamil), मराठी (Marathi), বাংলা (Bangla) आदि भाषाओं में!
Disclaimer: The author himself is responsible for the article/views. Readers should use their discretion/ wisdom after reading any article. Article Pedia on its part follows the best editorial guidelines. Your suggestions are welcome for their betterment. You can WhatsApp us your suggestions on 99900 89080.
क्या आपको यह लेख पसंद आया ? अगर हां ! तो ऐसे ही यूनिक कंटेंट अपनी वेबसाइट / ऐप या दूसरे प्लेटफॉर्म हेतु तैयार करने के लिए हमसे संपर्क करें !
0 Comments