Constipation: शरीर की सभी बिमारियों की जड़, जरा से बदलाव से ऐसे करें खत्म

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Constipation: शरीर की सभी बिमारियों की जड़, जरा से बदलाव से ऐसे करें खत्म

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constipation causes and solutions (Pic: ladigestivehealth)

अगर आप 'कब्ज' (Constipation) की समस्या से परेशान हो? तो इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता है। कॉन्स्टिपेशन का मतलब है बैक्डअप -टॉक्सिन्स (Backed Up Toxin)। आप इसे इस प्रकार समझ सकते हैं कि जो आपका मल यानि कि 'स्टूल' होता है उसमें एक तिहाई 'अनडाइजेस्टेड फूड पार्टिकल्स' (Undigested Food ) होता है और एक तिहाई 'डैड बैक्ट्रिया' होती हैं। इसके आलावा इसमें बैड कोलेस्ट्रॉल और  फैट होता है। अब आप सोचिए कि अगर कॉन्स्टिपेशन की वजह से यह सारी की सारी चीजें आपके शरीर में ही रह जाएँ तो इसका कितना बड़ा दुष्परिणाम आपके शरीर को उठाना पड़ेगा। 
 
ऐस में आज हम बात करेंगे कॉन्स्टिपेशन के बारे में, कि यह क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। 

हमारा जो कोलोन होता है उसके अंदर बैक्टीरिया होते हैं। ऐसे में जब बैक्टीरिया इम्बैलेंस (Bacteria Imbalance ) हो जाता है तब जाकर होती है आपको कॉन्स्टिपेशन। बैक्टीरिया इम्बैलेंस का मतलब है कि अच्छे बैक्टीरियों का कम हो जाना और खराब बैक्टीरियों का बढ़ जाना। 

Constipation Causes And Solutions (Pic: deccanherald)

अब जानने का विषय यह है कि बैक्टीरिया इम्बैलेंस क्यों होता है। इसके कई कारण हो, जैसे कि अत्यधिक स्ट्रेस लेना ( स्ट्रेस कोई लेता थोड़े ना है वह तो आ जाता है), बहुत अधिक एंटीबायोटिक्स का खाना यानि कि जरा सा सर दर्द हुआ ,जरा सी पेन हुई तो खा लिए एंटीबायोटिक्स। वहीं बैक्टीरिया को चीनी-मीठा बहुत ज्यादा पसंद होता है तो बहुत ज्यादा कार्ब (Sweet) वाला खाना, तला- भुना या मसाला खाने वाले को भी कब्ज की समस्या होती है। इसके अलावा  Physically Active नहीं होना और ज्यादे समय तक बैठे या सोये रहना भी कब्ज के लिए जिम्मेदार होते हैं। 

कब्ज के लक्षण:- किसी भी तरह का मल त्यागने ( Stool Relieve) में अनियमितता जैसे कि रेगुलर लैट्रिंग का ना होना या  फिर 1 दिन में दो या दो से अधिक बार लैट्रिन का जाना, पेट में गैस बनना, भारीपन लगना, गंदी गैस पास होना, मल त्यागने में परेशानी होना, एसिडिटी का होना और ओबेसिटी इसके प्रमुख लक्षण हैं। 

अब क्या करें: गंदी , यानी कि खराब बैक्टीरिया जो, हमारे पेट के अंदर बढ़ गई है तो हमको क्या करना है कि उनको जो पसंद है वह न देकर अच्छी बैक्टीरियों को जो पसंद है वह चीज हमको खाने है। यानी कि हमें ऐसी चीजें लेनी है ,जिससे अच्छी बैक्टीरिआ जो है बढ़े और बुरी बैक्टीरिया को जो पसंद है वह चीज नहीं लें जिससे कि वह खत्म हो। 

इसके लिए हमको प्री- बायोटिक फूड जैसे कि प्याज, लहसुन, कच्चा केला और बहुत ज्यादा फाइबर वाले खाना खाना पड़ेगा। किसी भी तरह का फूड जो आसानी से पचता नहीं है उससे आपको बचना होगा, कम से कम तब तक जब तक कि आपका कॉन्स्टिपेशन पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता है। आपको देखना पड़ेगा कि आपको कौन-कौन सी चीजें खाने से भारीपन या परेशानी होती है।

 यहाँ हम आपको कुछ आसान आइडिया बताएँगे जो शायद अभी तक आपने ट्राई नहीं किया होगा, लेकिन यह आपके बहुत ही काम आएँगी। 

1- कम से कम 7 से 10 दिनों तक ग्लूटेन फ्री डाइट लीजिए। ग्लूटेन एक तरह का प्रोटीन होता है जो कि गेहूं ,जौ, जाई और राई में अधिक मात्रा में पाया जाता है जो कि आसानी से हर किसी को डाइजेस्ट नहीं होता है। 
आजकल की लाइफ स्टाइल में रोटी के साथ साथ बिस्किट से लेकर ब्रेड तक इसकी खपत  बहुत ज्यादा बढ़ गई है। तो कुछ दिनों तक आप इसको लेने से परहेज़ करें।

2- धीरे-धीरे फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं। सुबह की शुरुआत ऐसे करें कि बिस्तर छोड़ने से पहले 5 मिनट तक सर्पासन यानी कि उल्टा लेट कर और सर को पीछे करते हैं वो वाला आसन 5 मिनट तक बिस्तर छोड़ने से पहले करें इससे बहुत लाभ होगा। 

Constipation Causes And Solutions ( Pic: economictimes)

3 - चाहे आप इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करते हों या वेस्टर्न टॉयलेट का 'मल त्याग' के पोजीसन का बहुत महत्त्व है। इंडियन स्टाइल में मल -त्याग को सबसे बेस्ट तरीका बताया गया। हालाँकि अब ऐसे टूल्स आने लगे हैं कि वेस्टर्न सीट पर भी आप इनका इस्तेमाल कर आसानी से मल त्याग कर सकते हैं। 

आप अगर इन छोटी-छोटी तीन आदतों को अपनाते हैं तो आपको निश्चित ही आराम मिलेगा। इसके बाद भी आपका कॉन्स्टिपेशन ठीक नहीं होता है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए। 

यह लेख आपको कैसा लगा कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं।  
 
-पूनम सिंह भिलाई 
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