पापा आकाश
जैसे बिना सूर्य का अधूरा है
वैसे मैं तुम्हारे बिना
अधूरी हूँ पापा
पापा जैसे एक माली
फूलों को सींचता हैं
वैसे ही तुमने मुझे पाला है पापा
पापा जैसे एक नाव को पार कराने के लिए
एक नाविक की
आवश्यकता होती है
वैसे ही मेरे जिन्दगी में आप की आवश्यकता है पापा
पापा माँ ने तो जन्म दिया
वैसे उड़ना तो तुमने
सिखाया पापा
पापा बचपन में उँगली पकड़ कर चलाते थे
और चलते-चलते
जब गिर जाती थी,
तो उठा कर सीने से लगा लेते थे
पापा अब भी मैं चलते-चलते गिर जाती हूँ
परन्तु अब कोई नहीं उठाता
ना ही कोई सीने से लगता है पापा
- प्रिया उपाध्याय
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