सुन्दर पिचाई: फर्श से अर्श तक का सफर

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सुन्दर पिचाई: फर्श से अर्श तक का सफर

गूगल जैसी कंपनी के सीईओ बनने के बाद सुन्दर पिचाई अब किसी भी भारतीय के लिए अनजान नहीं हैं। देखा जाए तो भारतीय मूल के किसी व्यक्ति द्वारा यह स्थान और सम्मान प्राप्त करना पूरे देश के लिए गौरव की बात है, लेकिन इस स्थान को पाना क्या इतना सहज था?
आईये जानते हैं।

सुंदर पिचाई का जन्म चेन्नई में सन 1972 में हुआ था। उनके पिता खुद एक इंजीनियर थे और शायद यही वजह है कि तकनीकी कुशलता उनके खून में है। सुन्दर पिचाई के बारे में कहा जाता है कि सुंदर और उनके परिवार ने बेहद साधारण जिंदगी जी है।

Sundar Pichai CEO Of Google (Pic: awakenthegreatnesswithin)

बताते हैं कि कभी उनके पास सिर्फ दो कमरे का घर था और उनके घर में न कार थी ना ही टेलीविजन था। लेकिन उनके जीवन में यह बात सही निकली, जिसके अनुसार 'सोना खरा तभी बनता है जब वह तपता है'। निश्चित रूप से सुंदर पिचाई वह खरा सोना हैं जो आज विश्व में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।

ज़ाहिर तौर पर सफल बनने के लिए कतई जरुरी नहीं है कि आप सुख - सुविधाओं वाली ज़िन्दगी ही जियें!

सुंदर बचपन से ही अपनी शिक्षा और पढ़ाई को लेकर बहुत ही डेडिकेटेड माने जाते रहे हैं। वह अपनी क्लास में सदैव ही टॉपर रहे हैं, यहां तक कि आईआईटी खड़कपुर ज्वाइन करने के बाद भी वह अपने बैच के टॉपर रहे।
आईआईटी करने के बाद उन्होंने एम एस (MS) की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका का रुख किया, जहां 'स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी' से उन्होंने डिग्री हासिल की।

इसके बाद इन्होने 'वॉर्टन यूनिवर्सिटी' से एमबीए भी किया।

गूगल को ज्वाइन करने से पहले सुंदर ने कंसलटेंट कंपनी 'मैकिन्जी' में कई साल तक काम किया। इसके बाद  उन्होंने 2004 में गूगल सर्च इंजन को प्रोडक्ट और इनोवेशन अफसर के रूप में ज्वाइन किया। यहाँ 11 साल काम करने के बाद उनके काम को पहचान तब मिली जब उनके द्वारा गूगल 'क्रोम ब्राउजर' डिजाइन किया गया। क्रोम ब्राउजर लॉन्च होते ही मार्केट में छा गया जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।

उसके बाद सुन्दर पिचाई द्वारा जीमेल, गूगल मैप, जैसे कई सारे सक्सेसफुल ऐप गूगल को दिए तब जाकर कहीं उन्हें यह पद और प्रतिष्ठा प्राप्त हुई।

सुन्दर के बारे में यह भी कहा जाता है कि उन्हें ट्विटर द्वारा अच्छे पैकेज़ पर जॉब ऑफर किया गया था, लेकिन गूगल सुन्दर की अहमियत को जानता था और उन्हें जॉब न छोड़ने के लिए मना लिया, जिसके बदले 300 करोड़ का बोनस भी दिया गया। कहा जाता है कि उनकी पत्नी द्वारा भी गूगल का जॉब नहीं छोड़ने का सुझाव दिया गया था।

कोई भी आदमी सफल होता है तो उसके व्यवहार का उसकी सफलता में मुख्य भूमिका होती है। सुंदर के बारे  भी आपको यही बातें सुनने को मिलेंगी। आईआईटी में उनके प्रोफेसर रहे या फिर छात्रावास में उनके साथ रहे लोगों या फिर उनके सहपाठी या काम करने वाले लोग... आप किसी से भी पूछ लें, सबकी जुबान पर यही शब्द मिलेगा कि सुंदर बेहद शब्द शालीन और मृदुभाषी इंसान हैं

इतना ही नहीं, गूगल में उनके साथ काम करने वाले उनके मित्र सीजार सेनगुप्ता का तो यहां तक कहना है कि पूरे गूगल में आपको ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिलेगा जो सुंदर पिचाई को पसंद नहीं करता हो। इसके साथ ही सुंदर पिचाई को तेज दिमाग, मजबूत याददाश्त के लिए भी जाना जाता है। उनके सभी जानने वाले यह बात मानते हैं कि सुंदर की याददाश्त बहुत तेज है। इनकी यही क्वालिटी इन्हे गूगल के संस्थापक 'लैरी पेज' के बेहद करीब बनाये हुए है।

बहरहाल, आप इस प्रेरक व्यक्तित्व के बारे में क्या सोचते हैं, कमेन्ट-बॉक्स में ज़रूर बताएं!

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Web Title: Sundar Pichai CEO Of Google Article In Hindi 

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