क्या आपने बनाया है 'आपात कोष'?

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क्या आपने बनाया है 'आपात कोष'?

दुनिया पैसों के बिना नहीं चलती है और इस पैसे की चाल को समझने में बड़े से बड़ा योद्धा भी मात खा जाता है। आज आपका बटुआ भरा हुआ है तो कल यह खाली भी हो सकता है। अगर आज आपकी आमदनी नियमित रूप से चल रही है तो मुमकिन है कि कल उसमें डिस्टर्बेंस आ जाए!

यह बात भी उतनी ही सच है कि किसी व्यक्ति के जीवन में अगर कोई फाइनेंसियल इमरजेंसी आती है तो वह आपका दरवाजा नहीं खटखटाती आती है। बल्कि यह सब अचानक ही होता है और इससे निपटने के लिए आपका बजट-प्रबंधन बेहद सॉलिड ढंग से नियंत्रित होना चाहिए। इमरजेंसी में आपको सहारा देने वाला फंड ही 'आपात कोष' के नाम से जाना जाता है।

Importance of Emergency Fund (Pic: investopedia)


आइये एक नज़र दौड़ाते हैं कि यह किस प्रकार किया जा सकता है:

सर्वप्रथम आपको अपनी मासिक आय एवं व्यय को साफ़-साफ़ लिख लेना चाहिए। अंदाज़ा एक बात होती है, लेकिन एक्जैक्ट कैलकुलेशन बिलकुल ही दूसरी बात! सेलरी पाने वाले व्यक्तियों में तो फिर भी गुंजाइश होती है, किन्तु सेल्फ एंप्लॉयड के लिए यह कैलकुलेशन थोड़ी जटिल होती है। इसलिए तमाम जटिलताओं को आपको नोट अवश्य ही कर लेना चाहिए।

एक्सपर्ट बताते हैं कि आदर्श रूप में आपको 3 से 6 महीने का इमरजेंसी फंड अपने पास बनाये रखना चाहिए। इसका मतलब साफ़ है कि अगर अगले 3 से 6 महीने तक आप की कमाई बंद हो जाए, तो भी आपका मासिक खर्च डिस्टर्ब न हो! 

चूंकि पैसे किसी के पास भी पर्याप्त नहीं होते हैं, लेकिन आपको हर हाल में खर्चों में कटौती करके या फिर आय बढ़ाकर आपात कोष अवश्य ही इकट्ठा करना होगा।

यह भी आवश्यक है कि आपका आपात कोष तत्काल ही उपलब्ध रहे!
इमरजेंसी फंड दूसरों के हाथ में न रहे या फिर उसे रियल-एस्टेट में, गाड़ी खरीदने में, शेयर खरीदने में न लगाएं, अन्यथा आपकी लिक्विडिटी में कमी आ जाएगी। आदर्श स्थिति में इमरजेंसी-फंड आपके अकाउंट में पड़े कैश को ही गिना जाता है, जिसे जरूरत पड़ने पर आप तत्काल निकाल कर इस्तेमाल कर सकते हैं।

यूं कुछ एक्सपर्ट सोने में निवेश को भी आपात कोष के रूप में काउंट करते हैं, विशेष कर इंडियन कॉन्टेक्स्ट में! ज़ाहिर है कि यहाँ औरतें गोल्ड में ज्यादा निवेश करती हैं। देखा जाए तो गोल्ड इत्यादि भी शार्ट टर्म में बिक ही जाते हैं, इसलिए इसमें निवेश को भी एक हद तक इमरजेंसी-फण्ड के रूप में कंसीडर किया जा सकता है।

चूंकि पहले पारिवारिक सिस्टम बेहद दुरुस्त था और संयुक्त परिवार में एक-दूजे के लिए लोगबाग खड़े रहते थे, किन्तु अब एकल परिवार के सिस्टम में आपात कोष का निर्माण करना अति आवश्यक हो गया है। इसलिए इसे कतई अनदेखा न करें, बल्कि इसे आपको जल्द से जल्द व्यवहार में लाना चाहिए, ताकि आपात स्थिति में बेवजह के स्ट्रेस से आप बच सकें।

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Web Title: Importance of Emergency Fund in Hindi, Basic Finance

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