कई बार ऐसा होता है कि हम जॉब के संदर्भ में जब अपना रिज्यूम कहीं अपलोड करते हैं तो हमारा रिज्यूम रिजेक्ट हो जाता है। नौकरी के संदर्भ में लगातार इस प्रक्रिया के फेल होने से कई बार लोग भारी निराशा के शिकार हो जाते हैं और उनका आत्मविश्वास लगभग खत्म हो जाता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादातर लोग यह जानने की कोशिश ही नहीं करते हैं कि उनके रिज्यूम (CV) में ऐसी कोई दिक्कत तो नहीं है जिसकी वजह से रिक्रूटर्स की नजर उस पर नहीं पड़ रही है या अगर नज़र पड़ रही है तो उनको प्रभावित नहीं कर पा रही है।
सोशल अपीयरेंस
बदलते समय में इंटरव्यू के दौरान आपकी योग्यता के साथ साथ इस बात पर भी ध्यान दिया जाता है की सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आप कितने सक्रिय हैं। आपकी सक्रियता किस प्रकार की है और इतना ही नहीं आपकी पिछली कंपनी के माहौल की भी जांच की जाती है और इन सब के आधार आप का मूल्यांकन किया जाता है।
हालाँकि, अलग-अलग जॉब प्रोफाइल के हिसाब से यह डिफर करता है, किन्तु यह एक तथ्य है कि कई कंपनियों के एचआर द्वारा पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर आपकी प्रेजेंस चेक की जाती है।
तो अगर आपको उचित लगता है और जॉब डिस्क्रिप्शन में डिमांड की जाती है तो आप अपने सीवी में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद अपने प्रोफाइल की जानकारी और लिंक भी दे सकते हैं। यह दूसरे कैंडिडेट्स की तुलना में आपको वरीयता दे सकता है।
टीम वर्क पर विशेष ध्यान
आज के समय में यह मायने नहीं रखता है कि आप अकेले कितने प्रतिभावान हैं, बल्कि तमाम बड़ी कंपनियां इस बात पर विशेष ध्यान देती हैं कि आपके अंदर टीम भावना है या नहीं और आप टीम के साथ काम कर सकते हैं या नहीं। इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया जाता है कि आपकी परवरिश कैसे माहौल में हुई है। इसके साथ ही आपने अगर बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई की है और जॉइंट फैमिली में रहते हैं या फिर आपने अपने कॉलेज के समय में तमाम आयोजनों को किया है तो यह सारी चीजें आपके पक्ष में निर्णय ले आती हैं।
वैसे भी टीम-लीडर को मल्टी-टास्कर के रूप में देखा जाने लगा है। अब काम के लिए ऐसे लोगों को ज्यादा ध्यान दिया जाता है जिनके अंदर IQ, EQ और SQ भी हो। इसके साथ ही परिपक्वता, सहानुभूति, सामाजिक कौशल, मुश्किल समय में भी टास्क को कम्प्लीट करने की क्षमता आदि पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।
जॉब डिस्क्रिप्शन अगर डिमांड करती है तो अपनी इन खूबियों को सीवी में ज़रूर हाईलाइट करें, पर बेहद लम्बे चौड़े पैराग्राफ में इन खूबियों को लिखने की बजाय अगर प्रोजेक्ट्स पर स्पेसिफिक एक्सपीरियंस है तो वह ज्यादा रिलेवेंट होगा।
स्ट्रांग सीवी
कई बार ऐसा होता है कि जब आप किसी कंपनी में अप्लाई करते हैं तो आपकी सीवी के अनुसार वह जॉब छोटी पड़ती है। ऐसे में रिक्रूटर्स को डर रहता है कि आप इस जॉब के लिए फिट नहीं बैठेंगे और थोड़े ही समय में जॉब छोड़ देंगे। इसलिए किसी पोजीशन के लिए किसी ऐसे बंदे की तलाश में रहते हैं जो एवरेज हो और लंबे समय तक कंपनी में काम कर सके।
ऐसी स्थिति में आपको जॉब की एक्जैक्ट रेक्वायरमेंट समझनी चाहिए और अगर वाकई आपको वह जॉब चाहिए तो सीवी को मामूली रूप से चेंज करने से हिचकिचाना नहीं चाहिए। हालांकि, मामूली चेंज का मतलब पॉलिश भर करने से है, न कि झूठ बोलें या कोई जानकारी छिपायें।
और हाँ! अगर आपको लगता है तो आप अपनी सीवी में जॉब रेक्वायरमेंट से सम्बंधित अलग पैरा जोड़ सकते हैं।
यह भी ध्यान रखने योग्य बात है कि जब भी आप CV बनाएं तो यह सोच कर न बनायें कि यह केवल जानकारी साझा करने का माध्यम है। इसे न ही इतना लम्बा- चौड़ा बनायें कि हायर करने वाला व्यक्ति इसे पढ़ने से पहले ही घबरा जाये। बल्कि CV बनाते समय यह विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह पढ़ने वाले को बांध सके और उसे इसे पढ़ने में मजा आये। बोले तो एंगेजिंग हों।
कुछ और बातें जैसे रिज्यूमे में ग्रामर की गलतियां न हों, फॉर्मेट सही हो, जानकारी में मिस-लीडिंग / विरोधाभास न हो, कवरिंग लेटर अवश्य ही हो, प्रीवियस एम्प्लॉयमेंट डिटेल और गैप बेहद क्लियर हों, साथ ही एम्प्लायर के बारे में भी डिटेल ज़रूर हो।
इसके अतिरिक्त सीवी में बहुत ज्यादा पर्सनल डिटेल, हॉबी डिटेल न दें।
उम्मीद करते हैं कि यह डिटेल्स आपके सीवी को रिजेक्शन से बचाने में सहायक सिद्ध होंगी। अगर आपके पास भी इससे सम्बंधित सुझाव है तो कमेन्ट-बॉक्स में अवश्य बताएं।
**See, which Industries we are covering for Premium Content Solutions!
Web Title: Why Your CV Will be Rejected, Important Reasons in Hindi
|
सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादातर लोग यह जानने की कोशिश ही नहीं करते हैं कि उनके रिज्यूम (CV) में ऐसी कोई दिक्कत तो नहीं है जिसकी वजह से रिक्रूटर्स की नजर उस पर नहीं पड़ रही है या अगर नज़र पड़ रही है तो उनको प्रभावित नहीं कर पा रही है।
इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे जिससे आप अपनी CV की कमियों को जान पाएंगे।
सोशल अपीयरेंस
बदलते समय में इंटरव्यू के दौरान आपकी योग्यता के साथ साथ इस बात पर भी ध्यान दिया जाता है की सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आप कितने सक्रिय हैं। आपकी सक्रियता किस प्रकार की है और इतना ही नहीं आपकी पिछली कंपनी के माहौल की भी जांच की जाती है और इन सब के आधार आप का मूल्यांकन किया जाता है।
हालाँकि, अलग-अलग जॉब प्रोफाइल के हिसाब से यह डिफर करता है, किन्तु यह एक तथ्य है कि कई कंपनियों के एचआर द्वारा पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर आपकी प्रेजेंस चेक की जाती है।
तो अगर आपको उचित लगता है और जॉब डिस्क्रिप्शन में डिमांड की जाती है तो आप अपने सीवी में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद अपने प्रोफाइल की जानकारी और लिंक भी दे सकते हैं। यह दूसरे कैंडिडेट्स की तुलना में आपको वरीयता दे सकता है।
टीम वर्क पर विशेष ध्यान
आज के समय में यह मायने नहीं रखता है कि आप अकेले कितने प्रतिभावान हैं, बल्कि तमाम बड़ी कंपनियां इस बात पर विशेष ध्यान देती हैं कि आपके अंदर टीम भावना है या नहीं और आप टीम के साथ काम कर सकते हैं या नहीं। इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया जाता है कि आपकी परवरिश कैसे माहौल में हुई है। इसके साथ ही आपने अगर बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई की है और जॉइंट फैमिली में रहते हैं या फिर आपने अपने कॉलेज के समय में तमाम आयोजनों को किया है तो यह सारी चीजें आपके पक्ष में निर्णय ले आती हैं।
इसके अतिरिक्त सीवी में टीम हैंडलिंग के अपने एक्सपीरियंस को बताएं, खासकर सीनियर पोजीशन पर अप्लाई करने की स्थिति में!अगर कोई ख़ास प्रोजेक्ट आपने टीम के साथ किया है तो सीवी में उसकी डिटेल देते समय अपनी टीम को भी यथोचित क्रेडिट दें।
वैसे भी टीम-लीडर को मल्टी-टास्कर के रूप में देखा जाने लगा है। अब काम के लिए ऐसे लोगों को ज्यादा ध्यान दिया जाता है जिनके अंदर IQ, EQ और SQ भी हो। इसके साथ ही परिपक्वता, सहानुभूति, सामाजिक कौशल, मुश्किल समय में भी टास्क को कम्प्लीट करने की क्षमता आदि पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।
जॉब डिस्क्रिप्शन अगर डिमांड करती है तो अपनी इन खूबियों को सीवी में ज़रूर हाईलाइट करें, पर बेहद लम्बे चौड़े पैराग्राफ में इन खूबियों को लिखने की बजाय अगर प्रोजेक्ट्स पर स्पेसिफिक एक्सपीरियंस है तो वह ज्यादा रिलेवेंट होगा।
स्ट्रांग सीवी
कई बार ऐसा होता है कि जब आप किसी कंपनी में अप्लाई करते हैं तो आपकी सीवी के अनुसार वह जॉब छोटी पड़ती है। ऐसे में रिक्रूटर्स को डर रहता है कि आप इस जॉब के लिए फिट नहीं बैठेंगे और थोड़े ही समय में जॉब छोड़ देंगे। इसलिए किसी पोजीशन के लिए किसी ऐसे बंदे की तलाश में रहते हैं जो एवरेज हो और लंबे समय तक कंपनी में काम कर सके।
ऐसी स्थिति में आपको जॉब की एक्जैक्ट रेक्वायरमेंट समझनी चाहिए और अगर वाकई आपको वह जॉब चाहिए तो सीवी को मामूली रूप से चेंज करने से हिचकिचाना नहीं चाहिए। हालांकि, मामूली चेंज का मतलब पॉलिश भर करने से है, न कि झूठ बोलें या कोई जानकारी छिपायें।
और हाँ! अगर आपको लगता है तो आप अपनी सीवी में जॉब रेक्वायरमेंट से सम्बंधित अलग पैरा जोड़ सकते हैं।
यह भी ध्यान रखने योग्य बात है कि जब भी आप CV बनाएं तो यह सोच कर न बनायें कि यह केवल जानकारी साझा करने का माध्यम है। इसे न ही इतना लम्बा- चौड़ा बनायें कि हायर करने वाला व्यक्ति इसे पढ़ने से पहले ही घबरा जाये। बल्कि CV बनाते समय यह विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह पढ़ने वाले को बांध सके और उसे इसे पढ़ने में मजा आये। बोले तो एंगेजिंग हों।
इसके अलावा जिन बातों पर आपको ध्यान देना चाहिए, वह आपकी कांटेक्ट डिटेल्स क्लियर रहनी चाहिए। ईमेल प्रोफेशनल होना चाहिए न कि उसे पढ़कर नॉन-प्रोफेशन अप्रोच नज़र आये जैसे: [email protected], [email protected] इत्यादि। साथ ही तस्वीर से प्रोफेशनलिज्म झलकनी चाहिए।
कुछ और बातें जैसे रिज्यूमे में ग्रामर की गलतियां न हों, फॉर्मेट सही हो, जानकारी में मिस-लीडिंग / विरोधाभास न हो, कवरिंग लेटर अवश्य ही हो, प्रीवियस एम्प्लॉयमेंट डिटेल और गैप बेहद क्लियर हों, साथ ही एम्प्लायर के बारे में भी डिटेल ज़रूर हो।
इसके अतिरिक्त सीवी में बहुत ज्यादा पर्सनल डिटेल, हॉबी डिटेल न दें।
उम्मीद करते हैं कि यह डिटेल्स आपके सीवी को रिजेक्शन से बचाने में सहायक सिद्ध होंगी। अगर आपके पास भी इससे सम्बंधित सुझाव है तो कमेन्ट-बॉक्स में अवश्य बताएं।
क्या आपको यह लेख पसंद आया ? अगर हां ! तो ऐसे ही यूनिक कंटेंट अपनी वेबसाइट / डिजिटल प्लेटफॉर्म हेतु तैयार करने के लिए हमसे संपर्क करें !
**See, which Industries we are covering for Premium Content Solutions!
Web Title: Why Your CV Will be Rejected, Important Reasons in Hindi
0 Comments