सफलता पाने के लिए काम की 'प्रायोरिटी' तय करना क्यों है जरूरी?

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सफलता पाने के लिए काम की 'प्रायोरिटी' तय करना क्यों है जरूरी?

  • सुबह उठने के साथ ही दिनचर्या में शामिल सभी कार्य महत्वपूर्ण नहीं होते हैं 
  • आसानी से जान पाएंगे कि आज दिन भर किए जाने वाले कार्यों में कौन सा कार्य अर्जेन्ट है और कौन सा इम्पोर्टेन्ट
 Priorities of Work is Important (Pic: techrepublic)

लेखिका: विंध्यवासिनी सिंह (Vindhyawasini Singh)
Published on 22 Oct 2021 (Update: 22 Oct 2021, 10:09 PM IST)

धरती पर पैदा हुए हर इंसान के पास 24 घंटे का ही समय होता है, और उसे इन्हीं 24 घंटों में अपने सभी महत्वपूर्ण कार्यों को करने होते हैं। इन्हीं 24 घंटो में किसी व्यक्ति को सोना, घूमना, दोस्तों से मिलना तथा आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कार्यों को भी करना होता है। फिर सवाल यह उठता है कि एक बराबर समय मिलने के बावजूद क्यों कुछ लोग बेहद कामयाब हो जाते हैं, तो कुछ लोग प्रतिभा होने के बावजूद भी एवरेज रह जाते हैं ?

निश्चित रूप से किसी व्यक्ति के कामयाब होने और किसी व्यक्ति के एवरेज रह जाने के पीछे उसकी प्राथमिकता यानी कि 'प्रायोरिटी' का बेहद ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। अगर आप अपने दिन भर के कार्यों की लिस्ट बनाते हैं तो आपके पास 10 जरुरी कार्य निकल आएंगे। 

ऐसे में क्या आप आंख मूंदकर नंबर वन से शुरू करते हुए नंबर 10 की गिनती तक कार्यों को पूरा करने में लग जाते हैं, या फिर अपने दिन भर के कार्यों की लिस्ट में 'प्राथमिकता' तय करते हैं, कि कौन सा कार्य सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और उसे सबसे पहले किया जाना चाहिए। या कौन सा कार्य उतना महत्वपूर्ण नहीं है जिसे सबसे पहले करके हम अपनी एनर्जी को लॉस कर देते हैं। जी हाँ! अपने जरूरी काम की लिस्ट में से प्रायोरिटी को तय करना किसी व्यक्ति को सफल या असफल बनाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

अब आप सोच रहे होंगे कि, मेरे दिन भर के कार्यों की लिस्ट में दसों कार्य बेहद महत्वपूर्ण हैं, तो इनमें से प्रायोरिटी कैसे तय की जाए? आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे जिनकी सहायता से आप अपने दिन भर के किए जाने वाले कार्यों में से समझ पाएंगे कि कौन से कार्य की प्रायोरिटी ज्यादा है। आईये जानते हैं



कार्यों की नहीं महत्वपूर्ण कार्यों की लिस्ट बनाना (List Important Tasks)

सुबह उठने के साथ ही दिनचर्या में शामिल सभी कार्य महत्वपूर्ण नहीं होते हैं, ऐसे में अगर आपको अपने दिन भर की प्रायोरिटी तय करनी है तो सबसे पहले दिन भर की किए जाने वाले महत्वपूर्ण कार्यों की लिस्ट आपको बनानी होगी। एक बार जब आप यह लिस्ट बना लेते हैं, तो आपके दिमाग में यह बिल्कुल क्लियर हो जाता है, कि आज दिन भर में इन 10 महत्वपूर्ण कार्य को करने हैं। 

अब कार्यों की लिस्ट आपके सामने है, लेकिन सभी दसों कार्य में से सबसे अधिक महत्वपूर्ण कार्य को कैसे समझा जाए इसके लिए हम आपको 4 बेहद महत्वपूर्ण पॉइंट बताएंगे, जिनकी सहायता से आप आसानी से अपने कार्यों की प्रायोरिटी को तय कर पाएंगे। 

1. अर्जेंट और इंपॉर्टेंट में फर्क समझना (Difference Between Urgent And Important

सबसे पहले आपको अपने बनाए हुए कार्यों की लिस्ट में देखना होगा कि कौन सा कार्य इंपॉर्टेंट है, यानी कि जिसका असर लंबे समय तक आपके ऊपर पड़ने वाला है। दूसरा कौन सा कार्य अर्जेंट है यानी कि तत्काल इस कार्य को नहीं किया गया तो इसका नेगेटिव इंपैक्ट आपके ऊपर पड़ने वाला है। अगर आप इस पैमाने पर अपने कार्यों की लिस्ट को डिवाइड कर पाएंगे तो आप आसानी से जान पाएंगे कि आज दिन भर किए जाने वाले कार्यों में कौन सा कार्य अर्जेन्ट है और कौन सा इम्पोर्टेन्ट। 

2.  कार्य के वैल्यू के आधार पर प्रायोरिटी (Priority By Value)

जब आपके सामने आपके दिन भर के कार्यों की लिस्ट होगी तो प्रायोरिटी तय करने के लिए आपको अपने कार्य की वैल्यू भी जांचनी होगी। यानी कि किस कार्य को करने में आपको कितना एफर्ट लगाना पड़ रहा है और उसका वैल्यू आपको क्या मिलने वाला है।

इस आधार पर भी आप अपने कार्य की प्रायोरिटी को तय कर सकेंगे। मान लीजिए कि किसी कार्य में बहुत ज्यादा आपकी एनर्जी लगने वाली है और उसका आउटपुट आपको बेहद कम मात्रा में मिलने वाला है, ऐसे में इस कार्य को फर्स्ट प्रायोरिटी  पर नहीं रखा जा सकता, बजाय उस कार्य के जिसमें कम एनर्जी के लगाने से भी अधिक वैल्यू मिलने वाला हो। 


3. MSCW टेक्निक 

इस टेक्निक में M का मतलब है Must Do, यानि कि आज इस कार्य को आपको करना ही है और इसे कल पर नहीं टाला जा सकता है। दूसरा है Should Do, इस तकनीक से यह तय करें कि आज सा कार्य  आपको करना चाहिए लेकिन उसकी प्रायोरिटी M के मुकाबले कम है। 

तीसरा है Could Do, इस पैमाने पर आप उन कार्यों को रख सकते हैं जिन्हें आप आज पूरा कर सकते हैं तो बहुत ही अच्छा है, लेकिन अगर किसी कारणवश कल के लिए इनको टालना भी पड़ जाए तो भी कोई विशेष नुकसान नहीं होने वाला है। चौथा है W यानी कि Won't Do, इस पैमाने पर आप उन कार्यों को रख सकते हैं जिन्हें आप नहीं भी करते हैं तो कोई विशेष नुकसान आपको नहीं होने वाला है। 

4. 1-3-9 मेथड 

इस मेथड के आधार पर आप अपने दिन भर के चुने हुए 10 महत्वपूर्ण कार्यों में से कुछ कार्यों की लिस्ट इस प्रकार से बनाए जिनमें पहले 1 से लेकर 3 तक सबसे महत्वपूर्ण कार्यों के को डालें, तो वहीं 3 से लेकर 6 तक उन कार्यों को डालें जो थोड़े समय बाद किए जा सकते हैं। 

इसके बाद 6 से 9 के बीच उन कार्यों को डालें जिन्हें दिन के अंत तक भी किया जाए तो कोई विशेष नुकसान नहीं होने वाला है। अंत में जो दसवें नंबर पर कार्य बचेगा उसे आप आसानी से समझ पाएंगे कि इस कार्य को आज निपटाना है या अगले दिन भी किया जा सकता है। 

तो देखा आपने इन तरीकों को अपनाकर आप अपने दिन भर के किए जाने वाले कार्यों की प्रायोरिटी को आसानी से समझ सकते हैं और सफलता की राह पर अग्रसर हो सकते हैं। 

इस लेख के सन्दर्भ में अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं। 

(लेखिका: विंध्यवासिनी सिंह)



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